अबु धाबी। संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई के दो दिन के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अबु धाबी में 27 एकड़ में फैले पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने फीता काट कर उद्घाटन किया और पूजा अर्चना की। उन्होंने मंदिर की परिक्रम भी की। इस मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था यानी बीएपीएस ने बनाया है। यह मंदिर सात सौ करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है। संयुक्त अरब अमीरात के शासकों ने इस मंदिर के लिए जमीन दी है।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी 13 जनवरी को अबु धाबी पहुंचे थे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति जायद अल नाह्यान से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं की बैठक हुई और कई मसलों पर समझौते भी हुए। 13 फरवरी को ही मोदी ने भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया था। करीब 65 हजार भारतीयों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा- राष्ट्रपति नाह्यान ने मंदिर के प्रस्ताव पर बगैर एक पल भी गंवाए हां कह दिया था। उन्होंने मुझसे यहां तक कह दिया था कि जिस जमीन पर आप लकीर खींच देंगे, मैं वो आपको दे दूंगा।
बहरहाल, मंदिर का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर भ्रमण किया और यहां मौजूद भारतीयों से मुलाकात भी की। प्रधानमंत्री ने मंदिर भ्रमण के आखिरी चरण में उन लोगों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया जो इसके निर्माण में शामिल रहे हैं। इस हिंदू मंदिर के उद्घाटन के बाद यहां वैश्विक आरती की गई। इसे वैश्विक आरती कहा गया क्योंकि ठीक उसी समय पर यूएई के साथ भारत और कई दूसरे देशों के स्वामीनारायण के मंदिरों में भी आरती की गई।
इससे पहले प्रधानमंत्री के पहुंचन पर मंदिर परिसर में बीएपीएस संस्था के संतों और स्वामी ईश्वर चरण दास ने उनका स्वागत किया। इस दौरान मोदी ने मंदिर परिसर का जायजा लिया। वो वॉल ऑफ हारमनी के सामने कई अधिकारियों और संतों से मिले। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने इनोवेटिव मार्केट प्लेस ‘भारत मार्ट’ का वर्चुअल उद्घाटन किया। इसका मकसद भारतीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर लाना और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध बढ़ाना है। इस दौरान उनके साथ यूएई के उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम मौजूद रहे।