श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों ने घात लगा कर सेना के काफिले पर हमला कर दिया, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए। इस हमले में तीन और जवान घायल हुए हैं। इस हमले के बाद आतंकवादियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ शुरू हो गई, जो गुरुवार की देर रात तक जारी थी। घटना राजौरी इलाके की है, जहां गुरुवार को आतंकवादियों ने सेना कीदो गाड़ियों पर घात लगाकर हमला किया। हमले के बाद से देर रात तक लगातार गोलीबारी हो रही थी।
इस इलाके में एक महीने से भी कम समय में सेना पर आतंकवादी हमले की यह दूसरीघटना है। इससे पहले 22 नवंबर को राजौरी में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सेना के पांच जवान शहीद हुए थे।बहरहाल, बताया जा रहा है गुरुवार को राजौरी के थानामंडी-सुरनकोट रोड पर डेरा की गली नाम के इलाके में सेना की गाड़ियों पर हमला हुआ। सूत्रों के मुताबिक सेना की गाड़ियां बुफलियाज से जवानों को ले जा रहा थीं। इस इलाके में सुरक्षा बलों के जवान पहले से तलाशी अभियान चला रहे थे।
बताया गया है कि सुरनकोट और बुफलियाज में बुधवार रात सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के खिलाफ घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। अभियान में शामिल सुरक्षाबलों से सेना का संपर्क गुरुवार को हो पाया, जिसके बाद वहां अतिरिक्त सुरक्षाबल भेजा गया। हालांकि सेना की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है परजम्मूकश्मीर पुलिस के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने सेना की गाड़ी पर हमला योजनाबद्ध तरीके से किया गया और यह पाकिस्तान का काम हो सकता है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले यानी 19 और 20 दिसंबर की आधी रात के आसपास पुंछ के सुरनकोट इलाके में एक पुलिस शिविर में विस्फोट हुआ था। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को इस घटना की जानकारी दी। धमाका इतना जबरदस्त था कि पुलिस शिविर में खड़ी कई गाड़ियों की खिड़कियों के शीशे टूट गए।इस घटना के एक दिन बाद इसी इलाके में सेना पर इतने बड़े हमले की घटना हुई है। इससे पहले 16 दिसंबर को सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुफिया सूचना के हवाले से जानकारी दी थी कि पाकिस्तान सीमा में ढाई सौ से तीन सौ आतंकी लॉन्चपैड पर हैं। ये जम्मूकश्मीर में घुसपैठ की फिराक में हैं। अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है। सीमा पार से किसी भी तरह की घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी जाएगी।