कोलकाता। राधागोविंद कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और जघन्य हत्या की घटना के 12 दिन बाद राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने बुधवार को दो असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर सहित तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया। असल में 14 अगस्त को देर रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हजारों की भीड़ ने तोड़फोड़ की थी। कार्रवाई उसी मामले में की गई है। गुरुवार, 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होगी, जहां पश्चिम बंगाल सरकार हलफनामा पेश कर सकती है।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआईएसएफ ने संभाल ली है। इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी थी। इसके बाद सीआईएसएफ के अधिकारी बुधवार को अस्पताल पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सुप्रीम कोर्ट ने अस्पताल में तोड़फोड़ के बाद सीआईएसएफ को सुरक्षा संभालने का निर्देश दिया था।
बलात्कार और हत्या की घटना के बाद सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार से कानून बनाने की मांग कर रहे डॉक्टरों का प्रदर्शन बुधवार को 10वें दिन भी जारी रहा। कोलकाता, दिल्ली और अन्य शहरों में भी डॉक्टरों ने काम नहीं किया। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ कर बाकी सारी सेवाएं बाधित रहीं। गौरतसब है कि एक दिन पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक नेशनल टास्क फोर्स बनाई। इसमें डॉक्टरों के अलावा देश के तीन बड़े अधिकारी शामिल किए गए हैं। इसके बावजूद देश भर के डॉक्टरों की हड़ताल जारी रही।
डॉक्टरों की हड़ताल के साथ साथ बुधवार को कोलकाता में भाजपा और कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की। ममता के खिलाफ पहली बार आम आदमी पार्टी ने भी पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस बीच बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में सुनवाई भी हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की जांच के लिए एसआईटी बनाई है। यह उन्हें बचाने के लिए एक दिखावा है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले को चार सितंबर को सुनेगी। बंगाल सरकार ने मामले से जुड़ी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने की बात कही। इस पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम ने कहा- मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है। रिपोर्ट अपने पास रखिए इसे सुप्रीम कोर्ट में दिखाइए।