श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों पर आतंकवादियों के हमले का सिलसिला जारी है। सेना के कैप्टेन दीपक सिंह की शहादत के बाद अब आतंकवादियों के हमले में सीआरपीएफ के एक इंस्पेक्टर शहीद हो गए। जम्मू कश्मीर के उधमपुर में सोमवार को आतंकवादियों की फायरिंग में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर कुलदीप की मौत हो गई। बताया गया है कि सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस की एक साझा ऑपरेशन टीम रामनगर के चील इलाके में रूटीन पेट्रोलिंग पर थी, उसी दौरान आतंकवादियों ने गोलीबारी की।
गौरतलब है कि पांच दिन पहले जम्मू कश्मीर के डोडा में आतंकवादियों के हमले में सेना के कैप्टेन दीपक सिंह शहीद हो गए थे। पिछले महीने यानी जुलाई से आतंकवादियों ने नियमित अंतराल पर हमले का सिलसिला शुरू किया है। जुलाई के महीने में 10 बड़े आतंकवादी हमलों में सेना और अन्य सुरक्षा बलों के 15 जवान शहीद हुए, जिनमें कई अधिकारी भी शामिल हैं। करीब एक महीने पहले आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर सबसे बड़ा हमला किया था, जिसमें एक कैप्टेन सहित पांच जवान शहीद हुए थे। बहरहाल, सुरक्षा बलों की कार्रवाई में जुलाई में 14 आतंकवादी मारे गए। अगस्त में भी आतंकवादियों के हमले का सिलसिला जारी है।
ध्यान रहे जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। राज्य में तीन चरण में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होना है, जिसकी अधिसूचना 20 अगस्त को जारी होगी। उससे एक दिन पहले आतंकवादियों के हमले में सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर शहीद हो गए। राज्य में 10 साल बाद होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सुरक्षा बल अतिरिक्त चौकसी बरत रहे हैं तो दूसरी ओर भारत विरोधी ताकत चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। बहरहाल, सोमवार को देर शाम तक उधमपुर के इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ जारी थी। सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
पिछले कुछ दिनों से जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी वारदातें बढ़ गई हैं। सोमवार का हमला भी जम्मू क्षेत्र में हुआ है। यह कश्मीर की तुलना में अपेक्षाकृत शांत रहा है। जम्मू में खास तौर पर पीर पंजाल रेंज के दक्षिणी इलाकों में आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है। रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय इस स्थिति से चिंतित हैं और 14 अगस्त को डोडा इलाके में हुए हमले के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी शामिल हुए थे। इस बैठक के पांच दिन बाद फिर बड़ा हमला हुआ है। जम्मू कश्मीर के हालात देखते हुए कुछ दिन पहले ओडिशा से अर्धसैनिक बल के दो हजार जवानों को जम्मू भेजा गया था।