नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दलगत राजनीति में घसीटने के मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को फटकार लगाई है। अदालत ने दो टूक अंदाज में कहा है कि उसे सियासी लड़ाई में घसीटना ठीक नहीं है। असल में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाले में तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को पिछले दिनों जमानत दी थी। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इसे भारत राष्ट्र समिति और भाजपा के बीच की डील बताया था।
इस पर नाराजगी जताते हुए जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने गुरुवार को रेवंत रेड्डी के वकील मुकुल रोहतगी से पूछा- क्या आपने अखबार में पढ़ा कि उन्होंने क्या कहा? उसे पढ़िए। कोर्ट ने कहा- सियासी लड़ाई में कोर्ट को घसीटना ठीक नहीं है। कोर्ट नेताओं से पूछकर फैसले नहीं सुनाती। ऐसे बयान लोगों के मन में आशंका पैदा करते हैं। गौरतलब है कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट 2015 के नोट के बदले वोट घोटाले से जुड़े केस को भोपाल ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें तेलंगाना मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी एक आरोपी हैं। इसी दौरान अदालत ने उनके वकील के सामने नाराजगी जताई।
असल में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा था कि उनको तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी और बीआरएस की एमएलसी के कविता को पांच महीने में जमानत मिलने पर संदेह है। उनका कहना था कि मनीष सिसोदिया को 15 महीने बाद जमानत मिली, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अभी तक जमानत नहीं मिली है। रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि बीआरएस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत के लिए काम किया। उनका कहना था कि ऐसी चर्चा है कि कविता को बीआरएस और भाजपा के बीच समझौते के कारण जमानत मिली है।