नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाके में दिवाली के बाद से वायु गुणवत्ता लगातार 13 दिन तक बेहद खराब श्रेणी में रहने के बाद अब सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह दिल्ली में पूरे साल पटाखे पर पाबंदी लगाने के बारे में 25 नवंबर से पहले फैसला करे। इससे पहले दिल्ली सरकार के वकील ने सर्वोच्च अदालत के सामने कहा था कि पटाखे पर पाबंदी को पूरे साल लागू करने का फैसला सरकार सभी संबंधित विभागों से सलाह के बाद करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सोमवार को दिल्ली पुलिस से कहा- दिल्ली पुलिस ने प्रतिबंधों को गंभीरता से लागू नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर पटाखों पर बैन लगाने के लिए स्पेशल सेल बनाएं। सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह 25 नवंबर से पहले पटाखों पर स्थायी प्रतिबंध लगाने का फैसला करे।
सुनवाई के दौरान दो जजों की बेंच ने कहा कि कोई भी धर्म ऐसी किसी गतिविधि को प्रोत्साहित नहीं करता है, जिससे प्रदूषण फैलता हो। अदालत ने कहा- अगर इस तरह से पटाखे जलाए जाते हैं, तो इससे नागरिकों के स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार पर भी असर पड़ता है। प्रदूषण मुक्त वातावरण में जीना मौलिक अधिकार है। कोर्ट ने पटाखों पर पाबंदी को लागू करने के तरीके पर असंतोष जताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार के 14 अक्टूबर को लगाए गए प्रतिबंध आदेश को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। दिल्ली पुलिस को सभी लाइसेंसधारकों को सूचित करना चाहिए था कि वे पटाखों की बिक्री तुरंत बंद कर दें।