नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ा झटका दिया है। सर्वोच्च अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के प्रमुख संजय कुमार मिश्रा को तीसरी बार दिए गए सेवा विस्तार को अवैध करार दिया है। अदालत ने कहा है कि तीसरी बार कार्यकाल बढ़ावा गैरकानूनी है। हालांकि अदालत के इस आदेश के बाद भी संजय कुमार मिश्रा 31 जुलाई तक पद पर बने रहेंगे और उससे पहले केंद्र सरकार ईडी के नए निदेशक की नियुक्ति करेगी। संजय कुमार मिश्रा को मिला तीसरा सेवा विस्तार 18 नवंबर को समाप्त हो रहा था। वे पांच साल पद पर रह कर 19 नवंबर को रिटायर होने वाले थे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए उनका कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया था, जबकि उससे पहले सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि दूसरी बार के बाद संजय मिश्रा का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाए। इस मामले में सरकार का तर्क था कि संजय मिश्रा धन शोधन से जुड़े कई गंभीर और महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर रहे हैं इसलिए उनको नहीं हटाया जा सकता। सरकार ने इस आधार पर नए ईडी प्रमुख की नियुक्ति के लिए अतिरिक्त समय की मांग की थी।
बहरहाल, ईडी प्रमुख को तीन बार सेवा विस्तार देने के केंद्र के फैसले के खिलाफ गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज ने याचिका दायर की थी, जिस पर जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने सुनवाई की। अदालत ने आठ मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार के फैसले में हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में कार्यकाल बढ़ाने वाले कानून में हुए बदलाव को वैध बताया है। अदालत ने कहा कि किसी भी जांच एजेंसी के डायरेक्टर के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन सरकार को इसकी ठोस वजह लिखित में बतानी होगी।
केंद्र सरकार ने नवंबर 2018 में संजय मिश्रा को दो साल के लिए ईडी का निदेशक नियुक्त किया था। इसके बाद उन्हें रिटायर होना था, लेकिन 2020 में सरकार ने उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दे दिया। इस फैसले को कॉमन कॉज ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सितंबर 2021 में सर्वोच्च अदालत ने मिश्रा को मिले सेवा विस्तार को बरकरार रखा था। लेकिन साथ ही कहा था कि मिश्रा को अब आगे इस पद पर कोई एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा। परंतु केंद्र सरकार नवंबर 2021 में सेंट्रल विजिलेंस कमीशन एक्ट में एक अध्यादेश के जरिए बदलाव कर दिया। इसमें प्रावधान था कि ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों के निदेशकों को दो साल के कार्यकाल के बाद तीन साल तक एक एक साल का सेवा विस्तार दिया जा सकता है। यानी उनका कुल कार्यकाल पांच साल तक का हो सकता है। इस कानून के बाद 17 नवंबर 2022 को सरकार ने संजय मिश्रा का कार्यकाल 18 नवंबर 2023 तक बढ़ा दिया था।