नई दिल्ली। इस साल संभावित जनगणना में जातियों की गिनती कराने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने इस मामले में दायर याचिका खारिज करते हुए कहा कि जाति जनगणना एक नीतिगत मामला है। यह मुद्दा केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसलिए अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।
याचिकाकर्ता पी प्रसाद नायडू ने सुप्रीम कोर्ट से जाति जनगणना कराने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की थी। नायडू ने याचिका में कहा था कि केंद्र और उसकी एजेंसियों ने आज तक 2021 की जनगणना नहीं की है। शुरुआत में कोविड 19 महामारी की वजह से और फिर कई कारणों से इसे स्थगित किया जा चुका है। जनगणना में देरी के कारण डेटा में बड़ा अंतर पैदा हो गया है। लेकिन अदालत ने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।