चंडीगढ़। नूंह में पिछले चार दिन से चल रही बुलडोजर की कार्रवाई पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी। सोमवार को हाई कोर्ट का आदेश आते ही जिला कलेक्टर धीरेंद्र खड़गटा ने तुरंत अधिकारियों को कार्रवाई रोकने का आदेश दिया। गौरतलब है कि पिछले सोमवार यानी 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद सरकार ने कई इलाकों में घरों और दुकानों पर बुलडोजर चला कर उनको ध्वस्त किया। सरकार की इस कार्रवाई को चुनिंदा बताते हुए इसकी आलोचना की जा रही थी।
बहरहाल, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया ने स्वतः संज्ञान लेकर रोक के आदेश दिए। गौरतलब है कि नूंह में पिछले चार दिन से तोड़-फोड़ की कार्रवाई चल रही थी। इस दौरान साढ़े सात सौ से ज्यादा घर, दुकान, झुग्गियां और होटल गिराए जा चुके हैं। प्रशासन ने इन्हें अवैध बताते हुए कहा कि इनमें रहने वाले 31 जुलाई की हिंसा में शामिल थे। बताया जा रहा है कि नूंह में प्रशासन ने 37 जगहों पर कार्रवाई कर 57.5 एकड़ जमीन खाली कराई। इनमें 162 स्थायी और 591 अस्थायी निर्माण गिराए गए।
इस बीच कई इलाकों में शांति बहाल हो गई है और स्कूल खुलने लगे हैं। पलवल में स्कूल खुल गए हैं। उधर गुरुग्राम में धारा 144 हटा दी गई है। कलेक्टर ने कहा कि एजेंसियों की रिपोर्ट से यहां स्थिति सामान्य बन गई है। हालांकि नूंह में आठ अगस्त की रात 12 बजे तक इंटरनेट बंद रहेगा। पलवल में सात अगस्त की रात 12 बजे तक इंटरनेट बंद किया गया है। फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में भी तनावपूर्ण हालात को देखते हुए रविवार देर रात इंटरनेट बंद कर दिया गया। जो सोमवार को रात 12 बजे तक बंद रहेगा।