फरीदाबाद। धार्मिक और सामाजिक संगठनों की अपील और पुलिस के प्रयास से नूंह में शांति कायम रही। जलाभिषेक यात्रा निकालने और 31 जुलाई को अधूरी रह गई ब्रजमंडल यात्रा पूरा करने पर अड़े विश्व हिंदू परिषद ने भी बाद में समझौता कर लिया और पुलिस सुरक्षा में 51 लोगों की यात्रा के लिए सहमति दे दी। इसके बाद पुलिस नूंह बाइपास से 51 लोगों को सुरक्षा में तीन गाड़ियों में लेकर गई। उन्होंने पहले नल्हड़ मंदिर में जलाभिषेक किया। फिर गाड़ियों में उन्हें फिरोजपुर झिरका के रास्ते सिंगार स्थित राधाकृष्ण मंदिर पहुंचाया गया। वहां जलाभिषेक के बाद यात्रा का समापन हो गया।
गौरतलब है कि विश्व हिंदू परिषद और दूसरे संगठनों की यात्रा को सरकार और प्रशासन ने पहले ही अनुमति देने से इनकार कर दिया था। हालांकि तब भी विहिप यात्रा पर अड़ी थी पर अंत में समझौता से मामला सुलझ गया। गौरतलब है कि 31 जुलाई को ब्रजमंडल यात्रा के दौरान बड़ी हिंसा हुई थी, जिसमें सात लोगों को मौत हो गई थी। तभी जब सावन की आखिरी सोमवारी को यात्रा की तैयारी हुई तो पुलिस और प्रशासन ने यात्रा की अनुमति नहीं दी और पूरे इलाके में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए।
सोमवार को नूंह में बाहरी लोगों को मंदिर में एंट्री नहीं दी गई। सिर्फ स्थानीय लोग ही पहचान पत्र दिखाकर जा सके। सोमवार को नूंह में कर्फ्यू जैसा माहौल रहा। बाजार, स्कूल-कॉलेज सब बंद रहे। धारा 144 लागू कर दी गई थी और इंटरनेट बंद कर दिया गया था। नूंह यात्रा में हिस्सा लेने अयोध्या से आए एक संत को प्रशासन ने गुरुग्राम सोहना टोल प्लाजा पर ही रोक दिया।