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दीनदयाल जयंती में शामिल हुए नीतीश

पटना। बिहार में राजनीतिक अटकलों का दौर फिर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने राजेंद्र नगर में स्थित उनकी प्रतिमा पर फूल चढ़ाए और कहा कि वे सभी महापुरुषों का सम्मान करते हैं। उनके साथ बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। भाजपा के नेता उनके साथ कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। मुख्यमंत्री के वहां से लौटने के बाद भाजपा नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर फूल चढ़ाने पहुंचे।

हालांकि नीतीश कुमार ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में अपनी वापसी की अटकलों को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि तीन साल पहले 2020 में नीतीश कुमार की सरकार के समय ही यह प्रतिमा स्थापित की गई थी। उस समय नीतीश भाजपा के साथ सरकार में थे। पिछले साल भाजपा से अलग होने के बाद वे दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। तभी इस साल इस कार्यक्रम में उनके पहुंचने के बाद अटकलें शुरू हो गईं।

बहरहाल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी इस राजकीय समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे। तेजस्वी ने भी आरएसएस के विचारक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। जब तेजस्वी को याद दिलाया गया कि उन्होंने एक बार विधानसभा में कहा था कि वे सत्ता में आए तो आरएसएस नेताओं की स्मृति में आयोजित कार्यक्रमों को बंद कर देंगे, तब तेजस्वी ने कहा- मैंने ऐसा कभी नहीं कहा।

भाजपा के साथ जाने की अटकलों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे खारिज करते हुए कहा कि कुछ लोग इस तरह की फालतू बातें क्यों करते हैं। उन्होंने कहा- दिवंगत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को लेकर जो चीज पहले से सरकार की ओर से तय की हुई है, उसमें सब लोग आते हैं। हम तो सबकी इज्जत करते हैं, सबका सम्मान करते हैं। हम सब लोगों के लिए काम कर रहे हैं। आगे भी हम लोग विकास का काम यूं ही करते रहेंगे।

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