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बंगाल पंचायत चुनाव में नौ लोगों की मौत

West Bengal Nine killed:- पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को मतदान जारी है और राज्य में शुक्रवार रात से लेकर अब तक हुई चुनाव संबंधी हिंसा में नौ लोग मारे गए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मारे गए लोगों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पांच सदस्य, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता और एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थक शामिल है।

अधिकारियों के मुताबिक, हिंसक झड़पों में कई लोग घायल भी हुए हैं। इसके अलावा, कम से कम दो मतदान केंद्रों पर मतपेटियों को नष्ट कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीटों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और 5.67 करोड़ मतदाता लगभग 2.06 लाख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। उन्होंने बताया कि पूर्वाह्न 11 बजे तक राज्य में 22.6 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

अधिकारियों के अनुसार, कूचबिहार जिले की फलीमारी ग्राम पंचायत में भाजपा के मतदान एजेंट माधव बिस्वास की कथित तौर पर हत्या कर दी गई। भाजपा ने आरोप लगाया कि जब बिस्वास ने मतदान केंद्र में प्रवेश करने की कोशिश की, तो टीएमसी के समर्थकों ने उन्हें रोका और विवाद बढ़ने पर उन्होंने बिस्वास की हत्या कर दी। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों से इनकार किया है।

पुलिस के अनुसार, उत्तरी 24 परगना जिले के कदंबगाछी इलाके में शुक्रवार देर रात एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक को पीट-पीटकर मार डाला गया। मृतक की पहचान 41 वर्षीय अब्दुल्ला के रूप में हुई है। पुलिस अधीक्षक भास्कर मुखर्जी ने कहा कि सुबह एक स्थानीय अस्पताल में इलाज के दौरान अब्दुल्ला की मौत हो गई। अधिकारियों के मुताबिक, अब्दुल्ला की हत्या के विरोध में स्थानीय लोगों ने तड़के ताकी रोड को जाम कर दिया, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया।

मुर्शिदाबाद जिले के कापासडांगा इलाके में देर रात चुनाव संबंधी हिंसा में तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान बाबर अली के रूप में हुई है। जिले के खारग्राम इलाके में तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई, जिसकी पहचान सबीरूद्दीन एसके के रूप में हुई है। तृणमूल कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि कूचबिहार की तूफानगंज 2 पंचायत समिति में उसका एक बूथ समिति सदस्य भाजपा के हमले में मारा गया।

पुलिस ने बताया कि मालदा जिले में कांग्रेस समर्थकों के साथ झड़प में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता का भाई मारा गया। उन्होंने बताया कि घटना मानिकचक थाना क्षेत्र के जिशारतटोला में हुई और मृतक की पहचान मालेक शेख के रूप में की गई है। तृणमूल कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि नादिया के छपरा में उसके एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई।

मुर्शिदाबाजद के रेजीनगर थाना क्षेत्र में चुनाव संबंधित हिंसा में कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की कथित रूप से हत्या कर दी गई। मारे गए कार्यकर्ता की पहचान यासमिन एसके के रूप में हुई है। पूर्व बर्द्धमान जिले के औशग्राम 2 ब्लॉक में तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के हमले में माकपा के रजिबुल हक गंभीर रूप से घायल हो गए। एक अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। कुछ इलाकों से मतपेटियों को नष्ट करने और मतदाताओं को धमकाने की भी खबरें आईं।

अधिकारियों के अनुसार, कूच बिहार जिले के दिनहाटा में बारविटा सरकारी प्राथमिक विद्यालय के एक मतदान केंद्र पर मतपेटियों को तोड़ा गया और मतपत्रों में आग लगा दी गई। उन्होंने बताया कि बरनाचिना क्षेत्र के एक अन्य मतदान केंद्र पर स्थानीय लोगों ने गलत मतदान का आरोप लगाते हुए मतपत्रों के साथ एक मतपेटी को भी आग के हवाले कर दिया।

केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग को लेकर विभिन्न इलाकों में विरोध-प्रदर्शन भी किए गए। नंदीग्राम में महिला मतदाताओं ने हाथों में जहर की बोतलें लेकर एक पुलिस अधिकारी का घेराव किया और मांग की कि इलाके में केंद्रीय बल तैनात किए जाएं।

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने उत्तर 24 परगना के विभिन्न इलाकों का दौरा कर हिंसा में घायल लोगों से मुलाकात की और उनकी शिकायतें सुनीं। बोस ने पत्रकारों से कहा, रास्ते में लोगों ने मुझसे मेरा काफिला रोकने का अनुरोध किया। बताने के लिए बहुत सारी कहानियां हैं, उन्होंने मुझे अपने आस-पास हो रही हत्या की घटनाओं के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा रि गुंडों ने उन्हें मतदान केंद्रों पर जाने की अनुमति नहीं दी और पीठासीन अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी। ये छिटपुट मामले हैं, लेकिन रक्तपात की एक भी घटना हम सभी के लिए चिंता का कारण होनी चाहिए।

राज्यपाल ने कहा, यह लोकतंत्र के लिए सबसे पावन दिन है। ये छिटपुट घटनाएं हैं, लेकिन इन पर विराम लगना चाहिए। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सवाल किया कि केंद्रीय बल कहां हैं, जिन्हें चुनाव के लिए लाया गया था। राज्य के मंत्री शशि पांजा ने पूछा, ‘बीती रात से चौंकाने वाली घटनाओं की सूचना मिल रही है। भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने साठगांठ की थी और केंद्रीय बलों की मांग की थी। आखिर वे कहां तैनात हैं? तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है। केंद्रीय बल कहां है?

तृणमूल कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि कूच बिहार के गीतालदाहा में एक सीमावर्ती गांव में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कर्मियों ने हंगामा करने की कोशिश की और चुनाव प्रक्रिया को बाधित किया।

माकपा के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने मैदान में रखी खुली मतपेटियों का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, मतदान खत्म हो गया है। एक मतदान केंद्र में मतपत्रों, मतपेटियों की स्थिति। वैसे यह तस्वीर डायमंड हार्बर की है।

राज्य में पंचायत चुनावों के लिए राज्य पुलिस के करीब 70,000 कर्मियों के अलावा केंद्रीय बलों की 600 कंपनियां तैनात की गई हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा करते हुए आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) राज्य में भेजे गए केंद्रीय बलों को तैनात करने के लिए अनिच्छुक था। उन्होंने पूछा, एक तरफ एसईसी केंद्रीय बलों की तैनाती को अनिच्छुक था।

दूसरी तरफ असैन्य कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया था। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि राज्य सरकार और एसईसी ने अदालत की आंख में धूल झोंका है। क्या एसईसी चुप रहकर बूथ पर कब्जा जमाने में तृणमूल के गुंडों की मदद कर रहा है? (भाषा)

By NI Desk

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