Tendupatta GST:- ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से केंदू (यानी तेंदू) के पत्तों पर लगा 18 प्रतिशत जीएसटी हटाने का अनुरोध करते हुए कहा है कि इससे समाज के अत्यंत गरीब तबके की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
पटनायक ने वित्तमंत्री को सोमवार को लिखे गए पत्र में कहा है कि ओडिशा में केंदू पत्तों के व्यापार से जुड़े गरीबों और आदिवासी लोगों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए और केंदु के पत्तों पर लगे 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को हटा देना चाहिए।
पटनायक ने पत्र में लिखा,’केंदू पत्तों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगने से इसके व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इससे केंदू पत्ता तोड़ने वालों, बांधने वालों एवं मौसमी कामगारों की आजीविका और उनके लिए बनाई गई सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन पर असर पड़ रहा है।’
उन्होंने कहा कि केंदू पत्ता एक लघु वन उपज है और ओडिशा के आठ लाख लोग इसे तोड़ने और बांधने के साथ मौसमी कामगार के तौर पर इससे जुड़े हुए हैं। यह उनकी आजीविका का एकमात्र सहारा है। इसके अलावा इस कारोबार में अधिकतर आदिवासी और महिलाएं ही काम करती हैं जो समाज के बेहद गरीब तबके का हिस्सा हैं।
पटनायक ने बताया कि वर्ष 2006 के अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम के तहत मिले अधिकारों के तहत आदिवासी लोग पत्तों को इकट्ठा करते हैं। उन्हें इन उत्पादों का संयोजन करने और बिक्री का अधिकार है।
पटनायक ने इससे पहले 25 नवंबर, 2022 को भी सीतारमण को पत्र लिखकर केंदू पत्ते पर से जीएसटी हटाने की मांग की थी। उन्होंने कहा,’ ओडिशा के व्यापक हित को देखते हुए एक बार फिर आग्रह है कि केंदू के पत्तों पर लगने वाले जीएसटी को हटा लिया जाए।’ (भाषा)