PSI recruitment scam कर्नाटक सरकार ने कथित पुलिस उपनिरीक्षक (पीएसआई) भर्ती घोटाले की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। राज्य सरकार की ओर जारी अधिसूचना के मुताबिक, कर्नाटक उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी वीरप्पा कथित पीएसआई भर्ती घोटाले की जांच करेंगे। अधिसूचना में कहा गया है कि मामले की जांच के लिए आयोग को तीन महीने का समय दिया गया है।
कांग्रेस ने राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर 545 पीएसआई की भर्ती में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। गत विधानसभा चुनावों में कांग्रेस द्वारा भाजपा के खिलाफ उठाए गए विभिन्न मुद्दों में कथित पीएसआई भर्ती घोटाला भी शामिल था।
भर्ती परीक्षा में अनियमितता के आरोपों के बाद तत्कालीन सरकार ने अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) को मामले की जांच करने का आदेश दिया था, जिसने पुलिस भर्ती प्रकोष्ठ के कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इनमें मुख्य अपर पुलिस महानिदेशक अमृत पॉल और बड़ी संख्या में परीक्षा देने वाले अभ्यार्थी शामिल थे।
सरकार ने परीक्षा परिणाम को रद्द कर दिया था। साथ ही नये सिरे से परीक्षा कराने की घोषणा की थी। हालांकि, अभी ऐसा नहीं हुआ है। न्यायिक आयोग गठित करने संबंधी अधिसूचना में जांच के लिए चार संदर्भ दिए गए हैं-पहला, क्या 545 पीएसआई की भर्ती की प्रक्रिया के दौरान नियमों का उल्लंघन किया गया? दूसरा, किस स्तर पर क्या उल्लंघन हुआ और क्या अनियमितताएं बरती गईं? तीसरा, इन अनियमितताओं से किसे लाभ हुआ? चौथा, सरकार नियमों के तहत और पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराने के लिए क्या कदम उठा सकती है?
अधिसूचना में सीआईडी और पुलिस भर्ती प्रकोष्ठ को आवश्यक दस्तावेज और जानकारी प्रदान कर जांच में पूर्ण सहयोग देने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि आयोग को आवश्यक सुविधाओं और कर्मचारियों के साथ बेंगलुरु में एक कार्यालय उपलब्ध कराया जाए। (भाषा)