इम्फाल। मणिपुर में जातीय हिंसा के छह महीने से ज्यादा हो गई लेकिन अभी तक शांति बहाली नहीं हो पाई है। राज्य में एक बार फिर कुकी और मैती समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई है। बताया जा रहा है कि मैती समुदाय के दो लोगों को अगवा किए जाने की घटना के बाद बहुसंख्यक मैती समुदाय गुस्से में है और उन्होंने कुकी समुदाय के चार लोगों को अगवा कर लिया। इस दौरान दोनों तरफ से गोलीबारी भी हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
खबरों के मुताबिक मणिपुर के कांगपोकपी जिले में कांग्चुप चिंगखोंग गांव के पास मंगलवार को जांच के लिए बनी एक चौकी पर मैती लोगों की भीड़ ने एक गाड़ी रोककर उसमें सवार चार कुकी लोगों को अगवा कर लिया। इनमें से तीन लोग एक सैनिक के परिवार के हैं। इनमें सैनिक की मां भी शामिल है। जैसे ही लोगों के अगवा होने की खबर फैली, कुछ कुकी लोग हाथों में हथियार लिए घटनास्थल पर पहुंचे और कांग्चुप की तरफ फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में दो पुलिसकर्मियों और एक महिला समेत नौ लोग घायल हो गए। घायलों को इम्फाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि गाड़ी में एक 65 साल के बुजुर्ग भी सवार थे, जिन्हें मौके पर मौजूद सुरक्षा बलों ने अगवा होने से बचा लिया। उनकी पहचान हो गई है। उन्हें कई गंभीर चोटें आईं थीं, जिसके चलते उन्हें नगालैंड के दीमापुर में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अगवा किए गए बाकी चार लोगों की पहचान भी हो गई है। मंगलवार की रात तक पुलिस उनकी लोकेशन का पता नहीं लगा पाई थी। उनको छुड़ाने की कोशिशें जारी हैं।
पुलिस ने बताया कि पांच कुकी लोग चुराचांदपुर से कांगपोकपी की तरफ जा रहे थे। कांगपोकपी बॉर्डर पर इम्फाल वेस्ट में दाखिल होते ही मैती समुदाय के कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। जहां ये वारदात हुई, वो जगह कुकी-जो बहुल कांगपोकपी और मैती बहुत इम्फाल वेस्ट जिले से लगी हुई है। खबरों के मुताबिक, दो दिन पहले कांगपोकपी जिले के पास सेकमाई इलाके से दो मैती छात्र गायब हो गए थे, जिसके बाद मैती समुदाय के लोगों ने कुकी लोगों पर हमला किया है। पुलिस को दोनों छात्रों के फोन सेनापति जिले के पास एक पेट्रोल पंप से काली पॉलीथीन में लिपटे हुए मिले हैं।