महोबा | पेशवा बाजीराव और मस्तानी की प्रेम कहानी से जुड़े उत्तर प्रदेश मे महोबा जिले के बेलाताल मे स्थित प्राचीन स्मारक मस्तानी महल को पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाया जाएगा। राज्य सरकार महल के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण मे एक करोड़ रूपये खर्च करेगी।
जिला पर्यटन अधिकारी चित्रगुप्त श्रीवास्तव ने बताया कि सूबे के पर्यटन विभाग द्वारा कुलपहाड तहसील के बेलाताल मे स्थित ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व की प्राचीन धरोहर मस्तानी महल के पर्यटन विकास हेतु तैयार किये गये दो अलग .अलग महत्वपूर्ण प्रस्तावो को शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है, जिसके तहत अब यहां न सिर्फ पहुंच मार्ग का निर्माण कराया जाएगा बल्कि प्राचीन स्मारक का जीर्णोद्धार करके उसे देश विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाया जाएगा। शासन द्वारा इसके लिए एक करोड़ रूपये का बजट भी निर्गत कर दिया गया है।
जिला पर्यटन अधिकारी ने बताया कि मस्तानी महल के विकास हेतु दो चरणों के तय प्रस्तावों मे 50 लाख रूपये के बजट का पहला प्रस्ताव मे यहां पहुंच मार्ग के उच्चीकरण व मौके पर पर्यटकों के बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था की जाएगी जबकि 50 लाख बजट के दूसरे प्रस्ताव मे मस्तानी महल भवन के सौंदर्यीकरण, पार्किंग की व्यवस्था व अन्य कार्य कराया जाना तय है। इस परियोजना पर शीघ्र कार्य आरम्भ किये जाने के निर्देश दिए गए है। शासन ने प्रस्तावो को कार्य रूप मे परिणाति देने के लिए उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेसन लिमिटेड को कार्यदायी संस्था नामित किया है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय इतिहास मे पेशवा बाजीराव को अपराजेय योद्धा के रूप मे स्थान प्राप्त है तो कुछ इतिहासकारों के मुताबिक मस्तानी बुंदेलखंड के अप्रतिम शूरवीर योद्धा महराज छत्रसाल की पुत्री थी। दोनों की प्रेम कहानी इतिहास का एक अध्याय है। यह बुंदेलखंड के जनमानस मे अत्यंत लोकप्रिय कथा के रूप मे चर्चित है। बाजीराव और मस्तानी की प्रेम कहानी पर बॉलीवुड द्वारा भी फ़िल्म का निर्माण किया गया है।
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