मुंबई। महाराष्ट्र में शिव सेना के विधायकों की अयोग्यता के मामले में जल्दी सुनवाई के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद स्पीकर ने सोमवार को एक सुनवाई की लेकिन इसे फिर आगे के लिए टाल दिया। अब 13 अक्टूबर से इस मामले में सुनवाई होगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इसे अनिश्चितकाल के लिए नहीं टाला जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को एक हफ्ते का समय दिया था। लेकिन स्पीकर ने इसके निर्देश के बाद कहा था कि वे जल्दबाजी नहीं करेंगे।
बहरहाल, शिव सेना के एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव गुट की ओर से एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की 34 याचिकाओं पर स्पीकर ने सोमवार को सुनवाई की। विधानसभा के सेंट्रल हॉल में स्पीकर राहुल नार्वेकर ने दोनों गुटों की दलीलें सुनीं। उसके बाद कहा कि अब 13 अक्टूबर से मामले की सुनवाई होगी। स्पीकर ने यह भी कहा कि सुनवाई के दौरान कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए। प्रिंसिपल ऑफ नेचुरल जस्टिस का पालन होना चाहिए।
सोमवार की सुनवाई में उद्धव ठाकरे गुट ने दलील दी कि सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़ कर सुनवाई की जाए। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान कोई सबूत पेश करने की जरूरत नहीं है। उधर, शिंदे गुट ने सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़ने की मांग का विरोध किया। शिंदे गुट का कहना है कि हर याचिका पर अलग से सुनवाई की जानी चाहिए। स्पीकर ने मामले में पिछली सुनवाई दस दिन पहले यानी 14 सितंबर को की थी।
एकनाथ शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को फैसला सुनाया था। इसमें कोर्ट ने बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया था। इसमें देरी होने पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले पर फिर से विचार करने की अपील की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि आप इस मामले पर फैसला लंबे समय तक टाल नहीं सकते। आपको इसकी समय सीमा तय करनी होगी।