नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता और खराब हो गई है। शनिवार की शाम तक दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई पांच सौ से ऊपर चला गया। इससे सचमुच दिल्ली गैस चैम्बर में तब्दील हो गई और लोगों को दम घुटने लगा। हवा की गुणवत्ता ठीक करने के लिए किए गए छोटे मोटे उपायों का कोई असर नहीं हुआ है। शनिवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा। दिल्ली में सुबह का औसत एक्यूआई 504 रहा।
शनिवार को दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर में एक्यूआई पांच सौ से ऊपर रहा। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एक्यूआई 571, धीरपुर में 542, नोएडा में 576 और गुरुग्राम में 512 एक्यूआई दर्ज किया गया। दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो गई है कि बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इससे बड़ा नुकसान हो सकता है। अस्थमा के मरीजों को दिल्ली छोड़ने तक की सलाह दी जा रही है।
इस बीच दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र से इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की मांग की है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा- मैं केंद्र सरकार को चिट्ठी लिख रहा हूं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को तुरंत पांच राज्यों- दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के पर्यावरण मंत्रियों के साथ मीटिंग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एनसीआर में कमीशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट यानी सीएक्यूएम के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। गौरतलब है कि बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण, एनजीटी ने शुक्रवार को प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों से जवाब मांगा और तुरंत ही कार्रवाई करने को कहा। साथ ही आदेश दिया कि जो कदम उठाएं, उसकी रिपोर्ट एनजीटी को दी जाए। दूसरी ओर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के प्रदूषण के लिए वन विभाग को जिम्मेदार बताया है।