जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न्यायपालिका पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा है कि नीचे से लेकर ऊपर तक न्यायपालिका में भयंकर भ्रष्टाचार है। उन्होंने यहां तक दावा किया है कि कई वकील ऐसे हैं, जो फैसला लिख कर ले जाते हैं और जज उसी तरह का फैसला सुनाते हैं। गहलोत ने कहा कि एक जमाने में उन्होंने भी कई जजों के नाम का सिफारिश की थी लेकिन जज बन जाने के बाद फिर कभी उनसे बात नहीं की।
गौरतलब है कि राजस्थान में दो महीने के बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले बुधवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा- आज ज्यूडिशियरी में भयंकर भ्रष्टाचार हो रहा है। मैंने सुना है कि कई वकील जो लिखकर ले जाते हैं। वही जजमेंट आता है। ज्यूडिशियरी के अंदर यह क्या हो रहा है? चाहे लोअर ज्यूडिशियरी हो या अपर। हालात गंभीर हैं। देशवासियों को सोचना चाहिए। गहलोत जयपुर में
गहलोत केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर उन्हीं की पार्टी के नेता कैलाश मेघवाल की ओर से लगाए घए आरोपों पर कहा- भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर जो आरोप लगाए हैं, वो सही हैं। मुझे मालूम पड़ा है कि उनके वक्त बहुत बड़ा करप्शन हुआ था। उसे दबा दिया गया है। इन लोगों ने हाई कोर्ट से स्टे ले रखा है। इन्होंने किसी की परवाह ही नहीं की। गहलोत ने कहा- हम तो कभी किसी के पीछे पड़ते नहीं हैं। ज्यूडिशियरी, आरपीएससी, एसीबी में कभी इंटरफियर नहीं करता हूं। मैंने जीवन में कभी इन संस्थाओं के काम में हस्तक्षेप नहीं किया। न कभी करना चाहिए।
गहलोत ने कहा- हमने कई हाई कोर्ट जज बनवाने में मदद की होगी। उन सिफारिशों की कहीं वैल्यू हुई होगी। कई जज बन गए होंगे। जज बनने के बाद मैंने जिंदगी भर उन लोगों से बात नहीं की। मैं मेरी खुद की अप्रोच रखता हूं। आज से 25 साल पहले मुख्यमंत्री हाई कोर्ट जज बनाने की सिफारिश देते थे। वो जमाना भी हमने देखा है। हम भी सांसद थे, केंद्रीय मंत्री थे। कई सिफारिशें होती थीं।