श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में सेना और आतंकवादियों के बीच मंगलवार से चल रही मुठभेड़ रविवार को थम गई। हालांकि सुरक्षा बलों का तलाश अभियान खत्म नहीं हुआ है क्योंकि अब भी कुछ आतंकवादियों के घने जंगल में छिपे होने की आशंका है। तभी ड्रोन और दूसरे उपकरणों के इस्तेमाल से जंगल में नजर रखी जा रही है। बताया जा रहा है कि भारी बारिश की वजह से भी सुरक्षा बलों का अभियान प्रभावित हुआ है। बताया जा रहा है कि बारिश का फायदा उठा कर आतंकवादी भाग निकले हो सकते हैं। इसलिए उधर से फायरिंग बंद हो गई। तभी सुरक्षा बलों ने भी फायरिंग बंद कर दी है।
हालांकि फायरिंग भले रोक दी गई हो लेकिन क्वाडकैप्टर और ड्रोन से आतंकियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। असल में रविवार को आतंकवादियों की ओर से कोई भी गोलाबारी नहीं की गई है। लेकिन देर शाम तक तक ये पता नहीं चल सका था कि सभी आतंकी ढेर हो चुके हैं, पहाड़ी पर गुफा में छिपे हुए है या फिर भाग गए हैं। गौरतलब है कि आतंकवादियों को मार गिराने के लिए सेना उच्चस्तरीय तकनीक का इस्तेमाल कर रही है।
मंगलवार को देर रात से सुरक्षा बलों का तलाशी अभियान लगातार चल रहा है। इस दौरान मंगलवार और बुधवार को आतंकवादियों की गोलाबारी में सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हो गए थे। इन तीन अधिकारियों के अलावा एक जवान भी शहीद हुआ। सुरक्षा बलों के पहाड़ी पर गुफा में लश्कर के दो से तीन लश्कर के आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। नॉर्दर्न कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और चिनार कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई जैसे बड़े अधिकारी आतंकियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर अपनी नजर बनाए हुए हैं।