नई दिल्ली। श्रीलंका ने माना है कि भारत ने मुश्किल समय में उसकी मदद की थी और साथ ही उसने वादा किया है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होने देगा। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार भारत के दौरे पर पहुंचे अनुरा कुमार दिसानायके ने दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने का वादा भी किया। सोमवार की उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई। दोनों के बीच दोपक्षीय बातचीत हुई।
इस दौरान दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को यकीन दिलाया है कि वे अपने देश की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देंगे। खबरों के मुताबिक राष्ट्रपति दिसानायके ने सोमवार को कहा कि श्रीलंका, भारत की मदद से आगे बढ़ेगा और पड़ोसी देश को वे अपना समर्थन देते रहेंगे। दिसानायनके ने कहा- हमने करीब दो साल पहले एक बड़े आर्थिक संकट का सामना किया था। भारत ने हमें उस दलदल से बाहर निकलने में बहुत मदद की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने मुझसे कहा है कि श्रीलंका, भारत की विदेश नीति में अहम जगह रखता है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए आपने भारत को चुना है। इस यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों में नई ऊर्जा का सृजन हो रहा है। हमने अपनी साझेदारी के लिए एक फ्यूचरिस्टिक विजन अपनाया है। इससे पहले दिसानायके का स्वागत राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर से हुआ। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। दिसानायके 15 से 17 दिसंबर तक भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। वे मंगलवार की सुबह बोध गया जाएंगे।
इससे पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति ने रविवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग मजबूत करने पर चर्चा की गई। दिसानायके ने कहा कि उन्होंने भारत और श्रीलंका के आर्थिक सहयोग को मजबूत करने, निवेश के अवसरों को बढ़ाने और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा की। दिसानायके ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में कहा- भारत की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान, मुझे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के साथ बात करने का मौका मिला। हमारी बातचीत भारत व श्रीलंका के आर्थिक सहयोग को मजबूत करने, निवेश के अवसरों को बढ़ाने, क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने, टूरिज्म और एनर्जी जैसे मुद्दों केंद्रित थी।