Silkyara Tunnel Accident :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिलक्यारा सुरंग में एक सप्ताह से अधिक समय से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए जारी बचाव अभियान का जायजा लेने के लिए सोमवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि आवश्यक बचाव उपकरण और संसाधन केंद्र द्वारा और केंद्रीय एवं राज्य एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे हैं और उन्होंने उम्मीद जताई कि फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों का मनोबल बनाए रखना आवश्यक है। यह तीसरी बार है जब प्रधानमंत्री ने सुरंग में फंसे श्रमिकों के बचाव कार्यों के बारे में धामी से बात की।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बचाव कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि फंसे हुए सभी श्रमिक सुरक्षित हैं, उन्हें लगातार ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी की आपूर्ति की जा रही है। बचाव अभियान चलाने के लिए सभी एजेंसियां विशेषज्ञों के परामर्श से एक-दूसरे के साथ पूर्ण समन्वय में काम कर रही हैं। धामी ने कहा कि उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया है और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने मोदी को बताया कि श्रमिकों को जल्द से जल्द निकालने के सभी प्रयास जारी हैं।
चिकित्सा टीम भी घटनास्थल पर तैनात हैं और प्रधानमंत्री कार्यालय की एक टीम भी मौके पर समीक्षा के लिए सुरंग का दौरा करने के बाद अभियान पर नजर रख रही है। 12 नवंबर की सुबह भूस्खलन के बाद सुरंग के कुछ हिस्से ढह जाने के कारण 41 श्रमिक मलबे के एक विशाल ढेर के पीछे फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाने के लिए अभियान युद्ध स्तर पर जारी है। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से लगभग 30 किलोमीटर दूर और उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से सात घंटे की दूरी पर सिलक्यारा सुरंग, केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘चार धाम ऑल वेदर रोड’ परियोजना का हिस्सा है। (भाषा)