मुंबई। शेयर बाजार को विनियमित करने वाली संस्था सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच के ऊपर लगे कई गंभीर आरोपों के बीच सेबी ने अनिल अंबानी के ऊपर बड़ी कार्रवाई की है। सेबी ने फंड की हेराफेरी के मामले में उद्योगपति अनिल अंबानी के शेयर बाजार में कारोबार करने पर पांच साल की पाबंदी लगा दी है। इसके अलावा अंबानी पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। शेयर बाजार में किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में उनके डायरेक्टर रहने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
सेबी ने रिलायंस होम फाइनेंस के पूर्व प्रमुख अधिकारियों सहित 24 अन्य इकाइयों के भी शेयर बाजार में कारोबार करने पर पाबंदी लगाई है। इन पर अलग अलग जुर्माना लगाया गया है। वहीं रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी पर छह महीने के लिए पाबंदी लगाई गई है और छह लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। सेबी की ओर से जारी 222 पन्नों के अंतिम आदेश के मुताबिक, जांच में पता चला कि रिलायंस होम फाइनेंस के अधिकारियों की सहायता से अनिल अंबानी ने पैसों की हेराफेरी की। उन्होंने फंड का खुद इस्तेमाल किया, लेकिन दिखाया की ये फंड लोन के तौर पर दिया गया है।
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने इस तरह के लोन को बंद करने और कॉरपोरेट लोन की नियमित समीक्षा के निर्देश दिए थे, लेकिन कंपनी के प्रबंधन ने इन आदेशों को नजरअंदाज किया। सेबी ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए, रिलायंस होम फाइनेंस को धोखाधड़ी में शामिल व्यक्तियों के बराबर जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। बहरहाल, सेबी ने अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपए, अमित बापना पर 27 करोड़ रुपए, रवींद्र सुधालकर पर 26 करोड़ रुपए, और पिंकेश आर शाह पर 21 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। रिलायंस यूनिकॉर्न एंटरप्राइजेज, रिलायंस एक्सचेंज नेक्स्ट, सहित अन्य कंपनियों पर फंड की हेराफेरी में शामिल होने के कारण 25-25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। सेबी के बैन के बाद अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई।