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जाति गणना के पक्ष में आरएसएस

पलक्कड (केरल)। जाति आधारित जनगणना को लेकर देश भर में चल रही बहस और विपक्ष की मांग के बीच राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ यानी आरएसएस ने इसका समर्थन करने का संकेत दिया है। संघ ने तीन दिन की अखिल भारतीय समन्वय बैठक के आखिरी दिन सोमवार को कहा कि जाति आधारित जनगणना लोगों के कल्याण के लिए सही है। लेकिन साथ ही उसने यह भी कहा कि इसे चुनावों में राजनीतिक हथियार नहीं बनाया जाना चाहिए। सरकार को सिर्फ आंकड़ों के लिए जातिगत जनगणना करवानी चाहिए।

आरएसएस ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में वर्गीकरण के मसले पर कहा कि इस बारे में कोई भी फैसला इन समुदायों के बीच सहमति बनाए बगैर नहीं किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एससी और एसटी समुदायों के आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला सुनाया है। इसे लेकर पूरे देश में दलित समूहों ने आंदोलन किया और 21 अगस्त को बंद का आयोजन किया था।

बहरहाल, आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने जाति गणना को लेकर सोमवार कहा- हमारे हिंदू समाज में जाति बहुत संवेदनशील मुद्दा है। जनगणना हमारी राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए अहम है। इसे बहुत गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा- किसी जाति या समुदाय की भलाई के लिए भी सरकार को आंकड़ों की जरूरत होती है। ऐसा पहले भी हो चुका है, लेकिन इसे सिर्फ समाज की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। इसे चुनावों का पॉलिटिकल टूल न बनाएं।

केरल के पलक्कड में हुई तीन दिन की बैठक में आरएसएस ने कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मसले पर भी चर्चा की और साथ ही बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति, वक्फ बोर्ड कानून और समान नागरिक संहिता पर भी विचार किया। बैठक के बाद आंबेकर ने कहा- कोलकाता रेप, मर्डर को दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हर कोई इससे चिंतित है। देश में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। हमने सरकार की भूमिका, आधिकारिक तंत्र, कानून, सजा पर चर्चा की है। समान नागरिक संहिता पर उन्होंने कहा- यूनिफॉर्म सिविल कोड मॉडल पहले से ही जनता के बीच है। उत्तराखंड में यूसीसी को अपनाने से पहले उन्होंने इसे सार्वजनिक कर दिया था। मुझे लगता है कि अब यह पब्लिक डोमेन में है। जनता को इसका अनुभव है, फिर हम इस पर चर्चा कर सकते हैं।

आंबेकर ने बताया कि बैठक के दौरान कई संगठनों ने बांग्लादेश के हालात पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की है। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के बारे में हर कोई चिंतित है। हमने सरकार से वहां के हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत करने का अनुरोध किया है। वक्फ बोर्ड से जुड़े संशोधन के मसले पर चर्चा को लेकर सुनील आंबेकर ने कहा- इस मसले पर चर्चा हुई है। यह मुद्दा बहुत बड़ा है। इस पर अभी व्यापक स्तर पर चर्चा की जानी है। वक्फ को लेकर मुस्लिम समाज की ओर से बड़ी संख्या में लोगों की शिकायतें आई हैं।

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