नई दिल्ली। खाने पीने की चीजों और सब्जियों की कीमत की वजह से खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी हो गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई की दर अगस्त महीने में बढ़ कर 3.65 फीसदी हो गई है। जुलाई महीने में यह घट कर 3.54 फीसदी पर आ गई थी। ये महंगाई का करीब पांच साल का सबसे निचला स्तर था। हालांकि महंगाई दर अब भी रिजर्व बैंक की ओर से तय की गई चार से छह फीसदी की सीमा के अंदर है।
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक खाने पीने की चीजों महंगाई दर जुलाई के 5.42 के मुकाबले बढ़ कर 5.66 फीसदी हो गई है। हालांकि साल दर साल के आधार पर देखें तो इसमें बड़ी कमी आई है। पिछले साल अगस्त में खाने पीने की चीजों की महंगाई 9.94 फीसदी थी। शहरी महंगाई भी महीने दर महीने आधार पर 2.98 फीसदी से बढ़ कर 3.14 फीसदी हो गई, जबकि ग्रामीण महंगाई 4.10 से 4.16 फीसदी पर पहुंच गई।
हाल ही में हुई मौद्रिक नीति समिति की बैठक के दौरान रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने महंगाई अनुमान को साढ़े चार फीसदी पर रखा था। यह पहले भी इतना ही था। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था- महंगाई कम हो रही है, लेकिन प्रगति धीमी और असमान है। भारत की महंगाई और विकास दर संतुलित तरीके से आगे बढ़ रही है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहना महत्वपूर्ण है कि महंगाई लक्ष्य के अनुरूप रहे।