नई दिल्ली। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी और तुलनात्मक आधार प्रभाव के कारण खुदरा महंगाई जुलाई में घटकर 3.54 प्रतिशत पर आ गयी। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी।
करीब पांच साल में यह पहला मौका है जब मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे आई है। सितंबर 2023 से मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से नीचे बनी हुई है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जून में 5.08 प्रतिशत थी। जबकि बीते साल जुलाई में यह 7.44 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई जुलाई में 5.42 प्रतिशत रही। यह जून में 9.36 प्रतिशत थी।
इससे पहले, खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर, 2019 में चार प्रतिशत के नीचे रही थी। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।
आंकड़ों के अनुसार दूध और दूध उत्पादों की वार्षिक मुद्रास्फीति 2.99 प्रतिशत और फल के मामले में 3.84 प्रतिशत रही। वहीं मसाले में 1.43 प्रतिशत की गिरावट जबकि तेल और वसा में 1.17 प्रतिशत की गिरावट रही।
एनएसओ ने कहा कि सब्जियों की मूल्य वृद्धि की दर 6.83 प्रतिशत और अनाज तथा अनाज और उत्पादों की 8.14 प्रतिशत थी। ईंधन और प्रकाश खंड में महंगाई दर में 5.48 प्रतिशत की गिरावट रही।