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पांच साल बाद कम हुए ब्याज दर

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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में कमी की है। पांच साल बाद केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में पहली बार कमी की है। पिछले दो साल से ज्यादा समय से ब्याज दर साढ़े छह फीसदी पर स्थिर थी। तीन दिन की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी की बैठक के बाद रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया। इस घोषणा के बाद रेपो रेट यानी वह दर जिस पर केंद्रीय बैंक की ओर से कॉमर्शियल बैंकों को कर्ज दिया जाता है 6.50 से घट कर 6.25 फीसदी हो जाएगा। इससे आवास और वाहन के कर्ज की किस्तें कम हो सकती हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सुबह 10 बजे मौद्रिक नीति समिति की बैठक में किए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महंगाई कम होने की वजह से केंद्रीय बैंक ने यह फैसला किया। रेपो रेट घटने के बाद बैंक भी आवास और वाहन जैसे कर्ज पर अपनी ब्याज दरें कम कर सकते हैं। ब्याज दरें कम होंगी तो आवास की मांग भी बढ़ेगी। सरकार इससे विकास दर में तेजी लौटने की उम्मीद कर रही है।

फैसले की जानकारी देते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा, ‘बीते कुछ समय में महंगाई दर में गिरावट देखी गई है। वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई में और कमी आने का अनुमान है, इसलिए ब्याज दरों को घटाया गया है’। रिजर्ब बैंक ने मई 2020 में आखिरी बार रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती की थी और इसे चार फीसदी कर दिया था। करीब दो साल तक ब्याज दर इस पर स्थिर रही। मई 2022 में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू किया, जो कि मई 2023 में जाकर रुका। इस दौरान रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में ढाई फीसदी की बढ़ोतरी की और इसे 6.5 फीसदी तक पहुंचा दिया था। अब करीब पांच साल बाद ब्याज दरों में कमी की गई है।

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By NI Desk

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