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आरक्षण पर दिए राहुल के बयान से विवाद

नई दिल्ली। अमेरिका दौरे पर गए राहुल गांधी ने मंगलवार को आरक्षण पर बयान दिया, जिसे लेकर देश में विवाद छिड़ गया है। बहुजन समाज पार्टी और भाजपा ने दावा किया है कि राहुल गांधी और कांग्रेस आरक्षण खत्म करने की साजिश कर रहे हैं। इससे पहले राहुल गांधी ने वाशिंगटन डीसी के जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम में आरक्षण के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था- कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे। फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है।

उन्होंने कहा- कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब सही समय होगा। जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को एक सौ रुपए में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को एक सौ रुपए में से पांच रुपए मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही रकम मिलती है। राहुल ने आगे कहा भारत के बिजनेस लीडर्स की लिस्ट देखें। मुझे लगता है कि टॉप दो सौ में से एक ओबीसी है, जबकि वे भारत में 50 फीसदी हैं, लेकिन हम इस बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने कहा- भारत के दलित, ओबीसी, आदिवासी को उनका हक नहीं मिल रहा है। देश के 90 फीसदी आबादी वाले ओबीसी, दलित और आदिवासी इस खेल में ही नहीं हैं। जातिगत जनगणना की तरफदारी करते हुए उन्होंने कहा- जाति जनगणना यह जानने का आसान तरीका है कि निचली जातियां, पिछड़ी जातियां और दलित किस स्थिति में हैं। उन्होंने कहा- देश के सर्वोच्च न्यायालय में देखिए, उनकी कोई भागीदारी नहीं है। मीडिया में देखिए, वहां निचली जातियां, ओबीसी, दलित हैं ही नहीं। इसके आगे राहुल ने कहा- हम में से ज्यादातर जाति जनगणना के विचार पर सहमत हैं।

राहुल के बयान की निंदा करते हुए मायावती ने कहा- राहुल के नाटक से सतर्क रहें, वे आरक्षण को खत्म करने की साजिश में जुटे हैं। राहुल के आरक्षण वाले बयान पर भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधते हुए कहा- आरक्षण का विरोध उनकी विरासत है। राहुल जिस संविधान को लेकर घूमते हैं, उसी के साथ सबसे बड़ा छलावा और धोखा कर रहे हैं। उन्होंने कहा- ये आरक्षण खत्म करने की सोची समझी रणनीति और षडयंत्र है। राहुल ने सिखों के अंदर भय होने की बात भी कही, जिसे लेकर भाजपा ने तीखा हमला किया है और राहुल को अदालत में घसीटने की चेतावनी दी है।

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