नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल किए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। लखनऊ के वकील अशोक पांडे ने इस फैसले को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। गौरतलब है कि मोदी उपनाम से जुड़े मामले में सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया था और दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद राहुल गांधी की सदस्यता 24 मार्च को रद्द की गई थी। हाई कोर्ट ने भी इस मामले में राहुल को राहत नहीं दी थी।
हालांकि चार अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने सात अगस्त को उनकी सदस्यता बहाल कर दी। लखनऊ के वकील अशोक पांडे ने इसके खिलाफ दायर अपनी याचिका में कहा है- आरोपों से बरी होने तक राहुल की सदस्यता बहाल नहीं की जा सकती है। एक बार संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य संविधान के अनुच्छेद 102, 191 और जन प्रतिनिधित्व की धारा 8 (3) के तहत कानूनन अपना पद खो देता है, तो वह तब तक अयोग्य रहेगा, जब तक किसी हाई कोर्ट की ओर से उसे बरी नहीं किया जाता।
इससे पहले चार अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने राहुल को राहत देते हुए कहा था- ट्रायल कोर्ट के फैसले का व्यापक असर हुआ है। न सिर्फ राहुल गांधी के सार्वजनिक जीवन का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन निर्वाचकों का भी जिन्होंने उन्हें चुना था। ट्रायल जज ने अधिकतम सजा सुनाने के लिए कोई वजह नहीं दी। अंतिम निर्णय होने तक दोषसिद्धि पर रोक लगाना जरूरी है।