वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार देशों के समूह क्वाड की बैठक में चीन का नाम लिए बगैर उसको संदेश दिया और कहा कि क्वाड किसी के खिलाफ नहीं हैं। हालांकि इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि क्वाड बना रहेगा, खत्म नहीं होगा। क्वाड के सम्मेलन में हिस्सा लेने अमेरिका के डेलावेयर पहुंचे मोदी ने नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की बात की और कहा कि सबको साथ मिल कर चलना होगा।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका दौरे के पहले दिन शनिवार, 21 सितंबर को राष्ट्रपति बाइडेन के गृह राज्य डेलावेयर पहुंचे। वहां वे देर रात भारतीय समय के हिसाब से डेढ़ बजे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के साथ क्वाड सम्मेलन में शामिल हुए। बैठक के बाद क्वाड नेताओं की फोटोशूट में बाइडेन से अमेरिकी चुनाव के बाद क्वाड के अस्तित्व को लेकर सवाल पूछा गया। इस पर बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी के कंधे पर हाथ रखकर कहा कि क्वाड चुनाव के बाद भी बना रहेगा।
सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब दुनिया संघर्षों से घिरी है। ऐसे में क्वाड का साथ मिलकर चलना जरूरी है। उन्होंने कहा- हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, क्षेत्रीय अखंडता और सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। डेलावेयर में राष्ट्रपति बाइडेन के हाई स्कूल में क्वाड की बैठक हुई। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने चीन का नाम लिए बिना कहा- हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। स्वतंत्र और समावेशी इंडो पैसिफिक हमारी प्राथमिकता है। क्वाड साझेदारी और सहयोग के लिए है और यह संगठन लंबे समय तक बना रहेगा।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने क्वाड सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने कहा- अगले साल प्रधानमंत्री मोदी क्वाड समिट की मेजबानी करेंगे। मैं उस पल का इंतजार कर रहा हूं। क्वाड का इतिहास लंबा नहीं है, यानी यह परंपराओं से बंधा नहीं है। हम जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, वो सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है। बाइडेन ने बैठक में कहा- हम लोकतांत्रिक देश हैं जो जानते हैं कि काम कैसे पूरा करना है। मैंने अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही क्वाड को ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए आप से संपर्क किया। आज चार साल बाद हम रणनीतिक तौर पर पहले से कहीं अधिक एकजुट हैं।
इसके बाद बाइडेन ने क्वाड देशों के कोस्ट गार्ड के बीच सहयोग बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि अब से क्वाड की तरफ से दी जाने वाली फैलोशिप में साउथ ईस्ट एशियाई देशों के छात्रों को भी शामिल किया जाएगा।