ढाका। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री के बांग्लादेश दौरे से एक दिन पहले रविवार, आठ दिसंबर को राजधानी ढाका में भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन किया गया। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी यानी बीएनपी ने रविवार को भारतीय उच्चायोग के सामने भारत के विरोध में लॉन्ग मार्च निकाला। हालांकि पुलिस ने इस मार्च को बीच में ही रोक दिया। इसके बाद बीएनपी के एक प्रतिनिधि गुट को पुलिस की मदद से भारतीय उच्चायोग को ज्ञापन सौंपने की इजाजत दी गई।
इस बीच बीएनपी के संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने भारत विरोधी बयान दिए। रिजवी ने कहा- भारत हर कदम पर बांग्लादेश को नुकसान पहुंचा सकता है। उसने शेख हसीना को इसलिए शरण दी क्योंकि उसे बांग्लादेश के लोग पसंद नहीं हैं। भारत किसी से दोस्ती नहीं कर सकता। उन्होंने आगे कहा- अगर भारत चटगांव मांगता है, तो हम बंगाल, बिहार और ओडिशा वापस ले लेंगे। भारत में सांप्रदायिकता बहुत ज्यादा है। शेख हसीना ने दिल्ली के आशीर्वाद से ही बांग्लादेश में 16 साल सरकार चलाई।