नई दिल्ली। ‘एक देश, एक चुनाव’ के विधेयक पर विचार के लिए बनने वाली संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी में कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हो सकती हैं। गौरतलब है कि सरकार ने मंगलवार, 17 दिसंबर को लोकसभा में इससे जुड़े दो विधेयक पेश किए थे। इस पर आम सहमति बनाने के लिए सरकार इसे जेपीसी में भेज सकती है। हालांकि कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं और इसे संविधान, लोकतंत्र व संघवाद के खिलाफ बता रही हैं।
बहरहाल, कहा जा रहा है कि ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए 129 वें संविधान संशोधन बिल पर बनने वाली जेपीसी में प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस के चार सांसद शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस की ओर से प्रियंका के अलावा मनीष तिवारी, रणदीप सिंह सुरजेवाला और सुखदेव भगत का नाम शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस की ओर से साकेत गोखले और कल्याण बनर्जी के शामिल होने की चर्चा है।
बहरहाल, मंगलवार को बिल पेश होने के बाद से ही विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं। बुधवार को आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा- ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल देश में तानाशाही लाएगा। तोड़फोड़ से सरकारें बनेंगी। अगर नेताओं को चुनाव में जाना है तो उनके मन में डर होता है, वे महंगाई कम करते हैं और जनहित में फैसले लेते हैं। लेकिन जब पांच साल तक चुनाव में जाने का डर नहीं रहेगा तो वे मनमानी करेंगे।
राजद सांसद मनोज झा ने कहा- ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ हमारे देश में पहले भी था। लेकिन बाद में वह खत्म हो गया? क्या गारंटी है कि यह आज भी काम करेगा? इस विधेयक पर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा- यह विधेयक जेपीसी के पास जाए बिना संसद में नहीं आ सकता। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विधेयक है, एक ऐसा विधेयक जो संविधान के ढांचे को बदल देता है। इसलिए, यह जेपीसी के पास जाएगा लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह विधेयक पारित हो पाएगा क्योंकि भाजपा लोकसभा में दो तिहाई बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी।