तिरुवनंतपुरम। केरल की वायनाड लोकसभा सीट से पहली बार चुनावी मैदान में उतरीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) एक लाख से ज्यादा वोटों से बढ़त बना चुकी हैं। मतगणना की शुरुआत से ही प्रियंका गांधी लगातार आगे बढ़ रही हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, प्रियंका गांधी वाड्रा एक लाख से ज्यादा वोटों से आगे चल रही हैं। दूसरे स्थान पर भाकपा के दिग्गज सत्यन मोखेरी हैं और भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास तीसरे नंबर पर चल रही हैं। भाकपा नेता सत्यन मोखेरी को करीब 50 हजार तो वहीं, नव्या हरिदास को करीब 28 हजार वोट मिले हैं। इसके अलावा, पलक्कड़ विधानसभा उपचुनाव में त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा उम्मीदवार सी कृष्णकुमार ने बढ़त के साथ शुरुआत की, लेकिन अब वह पीछे हो गए हैं। कांग्रेस उम्मीदवार राहुल (Rahul) ममकूटथिल आगे निकल गए हैं। कांग्रेस छोड़कर माकपा समर्थित वामपंथी निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. पी सरीन तीसरे स्थान पर हैं। चेलाक्कारा विधानसभा क्षेत्र की अगर हम बात करें तो, यहां सीपीआई (एम) उम्मीदवार यूआर प्रदीप 4,498 वोटों से आगे चल रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के चुनाव अभियान प्रबंधकों को भरोसा है कि उनके उम्मीदवार राम्या हरिदास लीड लेंगी और लगभग 1,600 वोटों से जीतेंगी क्योंकि सीपीआई (एम) उम्मीदवार वामपंथी गढ़ों में मजबूत स्थिति में नहीं पहुंच पाए हैं।
Also Read : रवीना टंडन ने शेयर की थ्रोबैक तस्वीरें, गॉर्जियस लुक पर फिदा हुए फैंस
संयोग से, केवल पलक्कड़ में ही असली त्रिकोणीय मुकाबला है, जबकि वायनाड में, यह पहले से तय है कि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) जीत दर्ज करेंगी और एकमात्र सवाल यह है कि क्या वह अपने भाई राहुल गांधी के वोटों के अंतर को हरा पाएंगी। चेलाक्कारा में, चुनावी लड़ाई जारी है क्योंकि यह सीट 1996 से सीपीआई (एम) के पास है और कांग्रेस उम्मीदवार राम्या हरिदास प्रदीप को कड़ी टक्कर दे रही हैं। वायनाड लोकसभा उपचुनाव और चेलाक्कारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान 13 नवंबर को हुआ था, जबकि पलक्कड़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान बुधवार को हुआ। तीनों उपचुनाव इन सीटों के मौजूदा सदस्यों द्वारा अपनी सीटें खाली करने के बाद हुए थे। जहां राहुल गांधी ने रायबरेली को बरकरार रखने के लिए वायनाड सीट छोड़ी, वहीं पलक्कड़ से कांग्रेस के शफी परमबिल और एससी/एसटी राज्य मंत्री के राधाकृष्णन ने क्रमशः पलक्कड़ और चेलाक्कारा में अपनी जीती हुई सीटें छोड़ दीं।