नई दिल्ली। महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन यानी महाविकास अघाड़ी यानी एमवीए की पार्टियों ने एक बार फिर गलत तरीके से मतदाताओं के नाम जोड़े जाने का मुद्दा उठाया है। एमवीए की ओर से चुनाव के तुरंत बाद इस तरह के आरोप लगाए गए थे। लेकिन अब दिल्ली में मतदान के दो दिन बाद एक बार फिर तीनों पार्टियों के नेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फर्जी तरीके से मतदाताओं के नाम जोड़े जाने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में उद्धव ठाकरे की शिव सेना के सांसद संजय राउत और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी हुई। मतदाता सूची में नए नाम जोड़े गए, ताकि भाजपा की जीत हो सके। राहुल ने चुनाव आयोग से मतदाताओं का डेटा मांगा है। चुनाव आयोग की ओर इस पर कहा गया है कि वह पूरे देश में समान रूप से अपनाई गई चुनावी प्रक्रिया की लिखित जानकारी देगा।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के लिए पांच साल में महाराष्ट्र में 32 लाख मतदाता जोड़े गए, जबकि इसके पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव हुए तो उसके लिए 39 लाख मतदाताओं को जोड़ा गया। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि पांच महीने में पांच साल से ज्यादा मतदाता कैसे जोड़े गए? राहुल ने यह भी सवाल पूछा कि विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल वयस्क आबादी से ज्यादा पंजीकृत मतदाता कैसे थे? राहुल ने कामठी विधानसभा की मिसाल देते हुए कहा कि वहां भाजपा की जीत का अंतर लगभग उतना ही है जितने नए वोटर्स जोड़े गए। उन्होंने कहा, ‘इलेक्शन कमीशन को इन सवालों का जवाब देना होगा और हमें हमें महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के वोटर्स का डेटा मुहैया कराना चाहिए’।
राहुल ने कहा, ‘हमने इलेक्शन कमीशन से कहा कि इसकी जांच करें। हमने वोटर लिस्ट, नाम, पते मांगे हैं। हम चाहते हैं कि उनके फोटोग्राफ भी दिए जाए। लोकसभा और विधानसभा की वोटर लिस्ट हम चाहते हैं। कई मतदाताओं के नाम काटे भी गए हैं। ये दलित, अल्पसंख्यक वोट हैं। मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं, लेकिन क्या कुछ गड़बड़ी है’। उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने संसद में दिए अपने भाषण में भी यही बात उठाई थी। कहा था कि पांच साल में जितने वोटर जुड़े, उससे ज्यादा वोटर्स पांच महीने में जुड़ गए। हिमाचल की पॉपुलेशन के बराबर मतदाता जोड़ दिए गए। वयस्क आबादी 9.54 करोड़ है। इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, 9.7 करोड़ मतदाता हैं’।