प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी यूपीपीएससी के प्रयागराज कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर यूपी पुलिस ने जम कर लाठियां बरसाई हैं। पुलिस के लाठीचार्ज करने से मची भगदड़ में अनेक छात्र घायल हुए हैं। गौरतलब है कि हजारों की संख्या में छात्र यूपीपीएससी के कार्यालय के सामने इकट्ठा हुए थे और रिव्यू ऑफिसर और असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर यानी आरओ और एआरओ की परीक्षा दो दिन की बजाय एक दिन में कराने और अंकों का मानकीकरण नहीं करने की मांग कर रहे थे।
पुलिस ने लाठीचार्ज करके छात्रों को खदेड़ दिया लेकिन छात्र यूपीपीएससी के कार्यालय से थोड़ी दूर जाकर धरने पर बैठ गए और देर तक नारेबाजी करते रहे। उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के करीब 10 हजार छात्र प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए थे। छात्रों ने चूंकि पहले से प्रदर्शन की सूचना दे दी थी इसलिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। आयोग से करीब पांच सौ मीटर पहले ही पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी। आयोग तक आने पर अड़े परीक्षार्थियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी। इससे वहां हालात बेकाबू हो गए।
पुलिस ने लाठीचार्ज करके छात्रों को वहां से हटाया और आयोग के सभी एंट्री गेट को बंद कर दिया गया। इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले पर कहा- यूपीपीएससी में धांधली रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने मांग बुलंद की तो भ्रष्ट भाजपा सरकार हिंसक हो उठी। गौरतलब है कि आयोग ने पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा साथ और आठ, जबकि आरओ और एआरओ की परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को रखी है। दोनों परीक्षाएं दो दिन में होगी। छात्र इसका विरोध कर रहे हैं।
छात्रों का कहना है कि दो दिन में परीक्षा करा कर आयोग पहली बार नॉर्मलाइजेशन यानी अंकों का मानकीकरण करने वाला है। उनकी मांग है कि परीक्षा एक ही दिन कराई जाए। और मानकीकरण की प्रक्रिया निरस्त की जाए। दो दिन परीक्षा होने पर दोनों दिन अलग अलग प्रश्नपत्र होते हैं और उनके डिफिकल्टी लेवल में भी अंतर होता है। इसलिए जिस पाली में सरल पेपर हो उसके छात्रों को फायदा न मिले, इसके लिए आयोग मानकीकरण करता है। लेकिन इसमें गड़बड़ी की आशंका रहती है। तभी छात्र इसका विरोध कर रहे हैं।