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मोदी ने माफी मांगी

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों उप मुख्यमंत्रियों, देवेंद्र फड़नवीस और अजित पवार के बाद अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगी है। सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में लगी छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिर जाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी महाराष्ट्र पहुंचे और उन्होंने  माफी मांगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में पालघर के सिडको ग्राउंड में 76 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस दौरान भाषण करने के क्रम में उन्होंने छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिरने के मामले पर माफी मांगी। गौरतलब है कि सिंधुदुर्ग में लगाई गई यह प्रतिमा 26 अगस्त को गिर कर टूट गई थी। इस सिलसिले में निर्माण कार्य से जुड़े कंसल्टेंट को गिरफ्तार कर लिया गया है।

बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी ने माफी मांगते हुए कहा- छत्रपति शिवाजी महाराज मेरे और मेरे दोस्तों के लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं। हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक महाराजा नहीं हैं। हमारे लिए वे पूजनीय हैं। आज मैं छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने नतमस्तक हूं और उनसे क्षमा मांगता हूं। उन्होंने कहा कि वे उन लोगों से भी क्षमा मांगते हैं, जो शिवाजी महाराज को पूजते हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में दो महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं और इस वजह से शिवाजी महाराज की मूर्ति का मामला बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया है।

शुक्रवार को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पहले मूर्ति गिरने को लेकर मुंबई में विपक्ष के नेताओं ने विरोध, प्रदर्शन किया। विपक्षी नेताओं को रोकने के लिए पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को नजरबंद भी किया। इस बीच कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा- महाराष्ट्र की जनता और विपक्ष के घोर विरोध ने आज नरेंद्र मोदी को छत्रपति शिवाजी महाराज से माफी मांगने पर मजबूर कर दिया। लेकिन ये माफी नहीं ढोंग है। अगर मोदी वाकई में अपने इस अक्ष्म्य पाप के लिए माफी मांग रहे हैं, तो वे महाराष्ट्र के सीएम और डिप्टी सीएम को अपने पद से हटाएं।

बहरहाल, मोदी ने कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद कहा- महाराष्ट्र का विकास मेरी बहुत बड़ी प्राथमिकता है। आज भारत की प्रगति में महाराष्ट्र बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि महाराष्ट्र विरोधी दलों ने आपके विकास पर हमेशा ब्रेक लगाने की कोशिश की। मोदी ने कहा- हमारे देश को वर्षों से दुनिया के साथ व्यापार के लिए एक बड़े और आधुनिक पोर्ट की जरूरत थी, इसके लिए महाराष्ट्र का पालघर ही सबसे उपयुक्त जगह है, लेकिन इस प्रोजेक्ट को 60 वर्षों तक लटका कर रखा गया। मोदी ने पालघर में करीब 16 सौ करोड़ रुपए की लागत से 218 फिशिंग प्रोजेक्ट का शिलान्यास भी किया।

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