नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा बुधवार से शुरू होगी। प्रधानमंत्री मंगलवार की सुबह दिल्ली से न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुए और देर रात वहां पहुंच जाएंगे। अपनी यात्रा के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और कई अमेरिकी उद्यमियों से मिलेंगे। उसके बाद प्रधानमंत्री वाशिंगटन जाएंगे, जहां वे अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों की साझा बैठक को संबोधित करेंगे। इसके बाद व्हाइट हाउस में मोदी के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन होगा।
अमेरिका पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों और बहुपक्षीय मुद्दों के बारे में विस्तार से बात की। मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध पहले से मजबूत हुए हैं और दोनों के बीच जबरदस्त विश्वास है। रूस और यूक्रेन की लड़ाई के बारे में उन्होंने कहा कि भारत इस मामले में तटस्थ नहीं है, बल्कि शांति के समर्थन में है।
प्रधानमंत्री ने कहा- सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना चाहिए और दूसरे देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विवाद बातचीत के जरिए सुलझाए जाने चाहिए, न कि जंग से। भारत इस जंग को रोकने की हर संभव कोशिश करेगा। ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने वैश्विक कूटनीति और अर्थव्यवस्था में भारत की लगातार बढ़ती भूमिका के बारे में बात की और कहा- ग्लोबल लेवल पर भारत का अहम भूमिका निभाने का समय आ चुका है। इस इंटरव्यू में मोदी से पूछे गए सवाल नहीं बताए गए हैं और न इंटरव्यू देते उनकी कोई फोटो छपी है।
इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है- भारत ग्लोबल साउथ देशों का लीडर तो है ही, बल्कि सालों से नकारे जा रहे दूसरे विकासशील देशों के मुद्दों को भी उठा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ में बदलावों की मांग करते हुए मोदी ने कहा भारत वैश्विक स्तर पर बड़ा रोल निभाने का हकदार है। भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रधानमंत्री ने कहा- भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते पहले से ज्यादा मजबूत हुए हैं। दोनों के बीच बेजोड़ विश्वास है। उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र में बढ़ रही साझेदारी की तारीफ की।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में भारत-अमेरिका के बीच प्रीडेटर ड्रोन को लेकर तीन बिलियन डॉलर का सौदा होगा। भारत और चीन के संबंधों पर मोदी ने कहा- भारत और चीन के बीच रिश्ते सुधारने के लिए बॉर्डर पर शांति होना जरूरी है। हम संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं। हम विवाद और मतभेदों को कानून और शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाने में यकीन करते हैं। मानवाधिकारों के संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत न सिर्फ अपनी विविधता को स्वीकार करता है, बल्कि उसे सेलिब्रेट भी करता है।