राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

दक्षिण चीन सागर पर मोदी की नसीहत

Image Source: ANI

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन की दुखती रग छेड़ दी है। उन्होंने 19वें ईस्ट एशिया सम्मेलन में चीन का नाम लिए बिना दक्षिण चीन सागर पर बड़ी नसीहत दी। मोदी ने कहा कि दक्षिण चीन सागर की स्थिरता समूचे हिंद प्रशांत क्षेत्र की शांति के लिए अहम है, इसलिए इससे जुड़े विवादों का निपटारा अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों के हिसाब से होना चाहिए। इससे एक दिन पहले गुरुवार को भारत और आसियान ने साझा बयान जारी किया थी तो उसमें भी चीन को दक्षिण चीन सागर में खुराफातों से बाज आने का संदेश दिया गया था।

ईस्ट एशिया सम्मेलन से पहले गुरुवार को भारत-आसियान सालाना सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण पूर्वी एशियाई क्षेत्र के देशों की भौगोलिक संप्रभुता को समर्थन देकर भी चीन की तरफ इशारा किया था। इसके बाद शुक्रवार को 19वें ईस्ट एशिया सम्मेलन में मोदी ने हिंद प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर को लेकर कहा कि समूचे हिंद प्रशांत क्षेत्र को कानून सम्मत बनाते हुए यहां की समुद्री गतिविधियों को संयुक्त राष्ट्र के संबंधित कानून से तय किया जाना चाहिए।

उन्होंने दक्षिण चीन सागर के मामले में एक ठोस व प्रभावी आचार संहिता बनाने की भी बात कही। आसियान के सभी दस सदस्य देश भी इसकी मांग कर रहे हैं। बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को लाओस की राजधानी वियनतियाने में 19वें ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- भारत हमेशा से ही आसियान देशों के बीच एकता का समर्थन करता रहा है। आसियान भारत के हिंद प्रशांत विजन और क्वाड सहयोग के केंद्र में है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- दुनिया भर में जारी अलग अलग जंग का सबसे बुरा असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है। ऐसे में दुनिया में शांति बहाल करना बेहद जरूरी है। मैं बुद्ध की धरती से आता हूं। हमने हमेशा यही कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने ईस्ट एशिया सम्मेलन शुरू होने से पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से मुलाकात की। उन्होंने मिल्टन तूफान में मारे गए लोगों के प्रति दुख जताया।

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *