नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही भी अडानी के मसले पर ठप्प रही। बुधवार को दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हुआ। लोकसभा तो सिर्फ पांच मिनट चली। सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने अडानी मसले पर चर्चा की मांग की और हंगामा शुरू कर दिया। पांच मिनट में ही कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा जब कार्यवाही शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा, जिसके बाद स्पीकर ने कार्यवाही 28 अगस्त की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
विपक्षी पार्टियां अडानी मसले पर चर्चा के साथ साथ उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा और कई लोगों के मारे जाने का मुद्दा भी उठा रहे थे। गौरतलब है कि अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी के ऊपर अमेरिका की अदालत में घूसखोरी और फ्रॉड के आरोप लगे हैं। उन पर आरोप हैं कि उन्होंने सौर ऊर्जा के की बिक्री का करार करने के लिए राज्यों में अधिकारियों को करीब 22 सौ करोड़ रुपए की रिश्वत दी है या रिश्वत देने की योजना बना रहे थे। इस मामले में उनके और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ समन जारी हुआ है।
बहरहाल, राज्यसभा में भी कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसद अडानी मुद्दे पर चर्चा की मांग करने लगे और आसन की ओर से चर्चा से इनकार किए जाने पर उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद संसद की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 12 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा, जिसकी वजह से सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सोमवार, 25 नवंबर को भी संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में कोई कार्यवाही नहीं हो पाई थी क्योंकि विपक्षी सांसद अडानी के मसले पर चर्चा और संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी बना कर जांच कराने की मांग कर रहे थे।
इससे पहले बुधवार की सुबह कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के चैंबर में विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी मौजूद थे। बैठक में संसद सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की गई। विपक्षी सांसदों ने एकजुट होकर अडानी का और संभल की हिंसा का मुद्दा उठाने का फैसला किया।