नई दिल्ली। मणिपुर के मसले पर शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन संसद के दोनों सदनों का कार्यवाही नहीं चल पाई। विपक्षी पार्टियां खास नियमों के तहत संसद के दोनों सदनों में मणिपुर पर चर्चा चाहती हैं। गौरतलब है कि गुरुवार को सत्र शुरू होने से एक दिन पहले मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करके सड़क पर घुमाने और यौन हिंसा का वीडियो सामने आया, जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए इस मसले पर चर्चा की मांग की। गुरुवार को भी इसी मसले पर संसद ठप्प हुई थी।
बहरहाल, शुक्रवार को कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद विपक्षी पार्टियों ने मणिपुर पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा में कार्यवाही सिर्फ 19 मिनट चली और राज्यसभा में 18 मिनट। उसके बाद दोनों सदन सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिए गए। लोकसभा में कार्यवाही स्थगित होने से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान दिया। उन्होंने कहा- सरकार मणिपुर पर चर्चा करने को तैयार है। कुछ दल हैं जो सदन चलने नहीं देना चाहते। गौरतलब है कि बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा था कि सरकार मणिपुर की हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन तब तक दो महिलाओं का वीडियो वायरल नहीं हुआ था।
वीडियो वायरल होने के बाद पक्ष और विपक्ष दोनों की रणनीति बदल गई। कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों ने संसद के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया है। विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा में नियम 193 के तहत और राज्यसभा में नियम 176 और 267 के तहत नोटिस दिए हैं। लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और मणिकम टैगोर और राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा सहित कई सांसदों ने नोटिस देकर मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने की मांग रखी।
इससे पहले गुरुवार को मानसून सत्र के पहले दिन भी संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने मणिपुर की घटना पर हंगामा शुरू कर दिया था। इसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। बहरहाल, शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बात पर सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री ने संसद के अंदर बयान क्यों नहीं दिया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा- नरेंद्र मोदीजी, आपने कल संसद के अंदर एक बयान नहीं दिया। अगर आप नाराज थे तो कांग्रेस शासित राज्यों के साथ झूठी तुलना करने के बजाय, आप पहले अपने मुख्यमंत्री मणिपुर को बरखास्त कर सकते थे। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा- विपक्ष चर्चा से बचने और संसदीय कार्यवाही को बाधित करने के लिए कोई न कोई बहाना बनाता रहता है। कुछ लोग अब संसद भवन का हिस्सा नहीं हैं, इसलिए वे नहीं चाहते कि संसद आगे चले।