नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कहा है कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लगने वाली जीएसटी में संसद कटौती नहीं कर सकती। इस बारे में फैसला जीएसटी परिषद द्वारा ही लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू होने से पहले राज्यों ने बीमा प्रीमियम पर कर लगाया था।
वित्त मंत्री सीतारमण ने उच्च सदन में वित्त विधेयक, 2024 पर हुई चर्चा का जवाब देते यह टिप्पणी की। चर्चा के दौरान विपक्ष के कई सदस्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कटौती करने की मांग की थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि आम तौर पर जीएसटी परिषद अपने फैसले सर्वसम्मति से करती है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम से मिलने वाली राशि का करीब 71 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को ही मिलता है। उन्होंने एलटीसीजी (दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ) कर में संशोधन किए जाने का भी जिक्र किया। इसके तहत 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों की बिक्री पर इंडेक्सेशन यानी मुद्रास्फीति के प्रभाव का लाभ बहाल कर दिया गया है।
अब जिन व्यक्तियों या हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) ने 23 जुलाई, 2024 से पहले घर खरीदा है, वे नयी योजना के तहत एलटीसीजी कर का भुगतान करने का विकल्प चुन सकते हैं। इंडेक्सेशन के बिना उन्हें 12.5 प्रतिशत और इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20 प्रतिशत कर का भुगतान करने की जरूरत होगी। वे उस विकल्प को चुन सकते हैं, जिसमें कर की दर कम हो।