नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया है। इससे राज्य में आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग की याचिका पर सुनवाई की और कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग की याचिका भी खारिज कर दी। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस मनोज मिश्रा की अवकाशकालीन बेंच ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए कहा- बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा का पुराना इतिहास रहा है। हिंसा के साथ चुनाव नहीं हो सकते। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा- राज्य सरकार और चुनाव आयोग को सेंट्रल फोर्स की तैनाती पर क्या एतराज है?
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से कहा- स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना आपकी जिम्मेदारी है। फोर्स कहां से आएगी, इसकी चिंता आपको नहीं करनी है। ऐसे में आपकी याचिका तो सुनने लायक ही नहीं है। कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी। गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शिवगणमन और जस्टिस उदय कुमार की बेंच ने 15 जून को केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर आदेश जारी किया था। भाजपा के नेता शुभेंदु अधिकारी ने नौ जून को एक याचिका दायर की थी, जिसमें नामांकन के दौरान हुई हिंसा का जिक्र किया गया था। उसी आधार पर हाई कोर्ट ने फैसला किया था।