नई दिल्ली। भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाने के लिए पटना में विपक्षी पार्टियों की पहली बैठक हुई थी लेकिन अब दूसरी बैठक लगातार टल रही है। पहले कहा गया था कि 12 जुलाई को शिमला में बैठक होगी। बाद में कहा गया कि शिमला की बजाय 13 और 14 जुलाई को बेंगलुरू में बैठक होगी। एक बार फिर बैठक टल गई है और अब कहा गया है कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरू में होगी।
महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी एनसीपी में हुई टूट के एक दिन बाद विपक्षी पार्टियों ने बेंगलुरू में 17 और 18 जुलाई को अपनी अगली बैठक करने का फैसला किया। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसकी घोषणा करते हुए ट्विट किया और कहा- हम फासीवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों को हराने और देश को आगे ले जाने के लिए एक साहसिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के अपने अटूट संकल्प पर कायम हैं।
माना जा रहा है कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार की बगावत से विपक्ष की मुहिम को झटका लगा है। तभी विपक्षी दलों ने बीजेपी पर तोड़फोड़ की राजनीति का आरोप लगाते हुए सोमवार को दावा किया कि वो एकजुटता की मुहिम जारी रखेंगे। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा- सबका एक लक्ष्य है कि देश से बीजेपी जाए.. ना सत्य बदल सकता है और ना लक्ष्य बदल सकता है… दिल्ली की सरकार में बीजेपी को हटाने के लिए रास्ता निकालना पड़ेगा।