jagdeep dhankhar: विपक्षी पार्टियों को पता है कि उनके पास संख्या नहीं है और वे राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को नहीं हटा पाएंगे फिर भी उन्होंने मंगलवार को धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
शीतकालीन सत्र के पहले दो हफ्ते में लगातार गतिरोध रहने के बाद विपक्ष ने तीसरे हफ्ते में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया।
इस नोटिस में मुख्य विपक्षी कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, डीएमके, सीपीआई, सीपीएम और राजद सहित विपक्ष की कई पार्टियों के 60 सांसदों के दस्तखत हैं।
विपक्ष का आरोप है कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पक्षपातपूर्ण तरीके से सदन चलाते हैं और विपक्ष को बोलने नहीं देते।
इससे एक दिन पहले सोमवार को कांग्रेस के सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा था कि इतना पक्षपाती सभापति पहले कभी नहीं देखा। गौरतलब है कि पिछले सत्र में भी विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की पहल की थी।
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बहरहाल, विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा- विपक्ष हमेशा चेयर का अपमान करता है।
वे सभापति के अधिकारों का अनादर करते हैं। सदन में एनडीए के पास बहुमत है और हम सभी को चेयरमैन पर भरोसा है।
उन्होंने उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति की तारीफ करते हुए कहा- धनखड़ जी एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं।
वे संसद के अंदर और बाहर हमेशा किसानों और लोगों के कल्याण के बारे में बात करते हैं। वे हमारा मार्गदर्शन करते हैं।
हम उनका सम्मान करते हैं। हम सभी को अध्यक्ष पर भरोसा है। जिस तरह से वे सदन का मार्गदर्शन करते हैं, उससे हम खुश हैं।
इस बीच मंगलवार को भी संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही नहीं चली। मंगलवार को 11 बजे दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हुई। लोकसभा में हंगामे के चलते पहले 12 बजे तक सदन स्थगित कर किया गया। 12 बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद भी पक्ष और विपक्ष की ओर से अडानी व जॉर्ज सोरोस मुद्दे पर हंगामा जारी रहा तो स्पीकर ने बुधवार तक के लिए सदन स्थगित कर दिया। हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही भी बुधवार तक स्थगित कर दी गई। कार्यवाही स्थगित होने पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा- सरकार रोज सदन स्थगित करा रही है। उन्होंने कहा- हम जो प्रदर्शन कर रहे हैं, वो बाहर कर रहे हैं। हम रोज कोशिश करते हैं, लेकिन वे चर्चा नहीं चाहते। रोज किसी न किसी बहाने सदन को स्थगित करा रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी को छोड़ कर बाकी सारे सांसद चर्चा के लिए तैयार हैं।