नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात हुई भगदड़ के बाद विपक्षी पार्टियों ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस से लेकर राष्ट्रीय जनता दल तक कई पार्टियों ने रेल मंत्री को विफल बताते हुए हादसे के लिए जिम्मदार ठहराया और इस्तीफा देने की मांग की है। विपक्षी पार्टियों ने रेल मंत्री और रेलवे पर हादसे को छिपाने और इस पर लीपापोती करने का आरोप भी लगाया है। गौरतलब है कि शनिवार की रात को हुए हादसे में 18 लोगों की मौत हुई है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने रविवार को कहा, ‘रेल मंत्री को इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं करते, तो उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए’। उन्होंने रेलवे के कुप्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर घंटे डेढ़ हजार टिकट बेचे जा रहे थे, फिर भी भीड़ नियंत्रण के लिए कोई विशेष उपाय नहीं किया गया। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘यहां दो हिंदुस्तान हैं, एक जहां राजा अपने दोस्तों को कुंभ में वीआईपी स्नान कराता है और दूसरा जहां आम लोग रेलवे प्लेटफॉर्म पर मर रहे हैं’।
ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर भगदड़ की घटना को छिपाने का आरोप लगाया और कहा कि रेल मंत्री को बरखास्त किया जाए या वे इस्तीफा दें। राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘पहले मोदी सरकार ने भगदड़ से इनकार किया। फिर इसे अफवाह बताया। फिर कहा कि ‘कुछ लोग घायल’ हुए हैं। और जब शव मिलने लगे, तब मजबूरी में मौतों को स्वीकार किया गया’। तृणमूल के एक अन्य राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पर हमला बोलते हुए कहा, ‘रेलवे ने भगदड़ के कई घंटों बाद तक इससे इनकार किया और इसे अफवाह बताया। जब तक शव मिलने नहीं लगे, तब तक सरकार ने सच स्वीकार नहीं किया’।
राजद सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने भी रेल मंत्री पर हमला बोला और कहा कि रेल मंत्रालय भीड़ का प्रबंधन करने में विफल रहा। उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की। हालांकि इस दौरान उन्होंने महाकुंभ को फालतू बताते हुए कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है। उनके इस बयान पर विवाद छिड़ गया है।