नई दिल्ली। किराए की अलग अलग दरों को लेकर सरकार ने कैब एग्रीगेटर कंपनियों ओला और उबर को नोटिस भेजा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कंपनियां एंड्रॉयड और आईफोन से कैब बुक करने वालों से अलग अलग किराया वसूलती है। इस तरह की प्रैक्टिस को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण यानी सीसीपीए ने इस पर कैब एग्रीगेटर कंपनियों ओला और उबर को गुरुवार को नोटिस भेजा।
उपभोक्ता मामलों के केंद्री प्रहलाद जोशी ने सोशल मीडिया पर बताया कि रिपोर्ट सामने आने के बाद उपभोक्ता मामलों के विभाग ने इस विषय पर गौर किया और सीसीपीए को जांच के निर्देश दिए हैं। शिकायतकर्ताओं ने बताया था कि कुछ फोन मॉडल पर ज्यादा किराया, जबकि अन्य पर कम दिखाया जाता है। ओला और उबर को अब अपने किराए तय करने की प्रक्रिया और अलग अलग किराया वसूलने के कारणों को स्पष्ट करने के लिए कहा गया है।
असल में सीसपीए ने उन खबरों के बाद कैब एग्रीगेटर्स को यह नोटिस भेजा है, जिनमें कहा गया था कि दोनों कंपनियां एक ही सर्विस के लिए अलग अलग किराया वसूलती हैं। जब यात्री एक ही जगह के लिए कैब बुक करते हैं तो एंड्रॉयड फोन पर अलग और आईफोन पर अलग किराया दिखता है। दिसंबर में यह मामला तब चर्चा में आया था जब व्यक्ति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें एक ही जगह से एक निश्चित जगह पहुंचने के लिए दो फोन में अलग अलग किराया दिख रहा था।
हालांकि इस पोस्ट के बाद उबर ने आरोपों का जवाब दिया और किसी तरह के भेदभाव से इनकार किया। उसने पिक अप प्वाइंट, एस्टीमेटेड अराइवल टाइम और ड्रॉप ऑफ प्वाइंट सहित कई चीजों को किराए में किसी भी अंतर के लिए जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि बाद में कई लोग इस तरह के प्रयोग किए और कई बार एंड्रॉयड पर ज्यादा किराया शो किया। जानकारों का यह भी कहना है कि अगर कोई व्यक्ति नियमित कैब इस्तेमाल करता है तो चाहे वह कोई भी फोन यूज करता हो उसको ज्यादा किराया चुकाना पड़ता है। क्योंकि ऐप के पास उसकी यात्रा और रूटीन की जानकारी रहती है।