नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। अब अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों यानी वीआईपी की सुरक्षा में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड यानी एनएसजी को नहीं तैनात किया जाएगा। जिन अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा में एनएसजी है उन्हें अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ की सुरक्षा मिलेगी। अगले महीने से यह आदेश लागू हो जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई लोगों की सुरक्षा अभी तक एनएसजी के हवाले थी। अब उनकी सुरक्षा भी सीआरपीएफ करेगी।
बताया गया है कि संसद की सुरक्षा में लगे रिटायर सीआरपीएफ जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें वीआईपी सुरक्षा विंग में भेजा गया है। इसके लिए नई बटालियन बनाई गई है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ये जवान वीआईपी सुरक्षा में तैनात होंगे। सीआरपीएफ के पास पहले से छह वीआईपी सिक्योरिटी बटालियन मौजूद है। नई बटालियन के साथ ये सात हो जाएंगी।
देश में इस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित नौ नेता ऐसे हैं, जिनकी सुरक्षा एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो करते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सुरक्षा में एनएसजी कमांडो तैनात हैं। अब इनके पास से ये कमांडो हट जाएंगे।ल इनके अलावा छह अन्य लोगों के लिए सीआरपीएफ एडवांस्ड सिक्योरिटी लाइजन यानी एएसएल का काम करती है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के तीन सदस्य शामिल हैं।