नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पद संभालने के बाद सबसे पहले भारत की यात्रा करने की परंपरा को तोड़ कर न सिर्फ चीन की पहले यात्रा की, बल्कि चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव यानी बीआरआई का हिस्सा बन गया। पांच दिन की चीन की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री ने ओली ने चीन के साथ इस बारे में करार किया। वह अब आधिकारिक रूप से बीआरआई की हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के तहत चीन पूरे हिमालय क्षेत्र में कनेक्टिविटी का एक विशाल नेटवर्क बना रहा है।
बताया जा रहा है कि नेपाल के इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के बाद वहां बुनियादी ढांचे की कई नई परियोजनाएं शुरू होंगी, जिसमें सड़के, हाईवे, रेलवे, ऊर्जा संयंत्र आदि शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के जरिए नेपाल की कनेक्टिविटी चीन और दूसरे एशियाई देशों से बढ़ेगी, जिससे उसके यहां तेज विकास होगा।
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प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग के साथ मुलाकात में बीआरआई को नेपाल के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह नेपाल में विकास के नए मौके लेकर आएगा।
पिछले कुछ समय से नेपाल अपनी विदेश नीति में चीन के प्रति रूझान दिखा रहा था। लेकिन इस तरह औपचारिक रूप से बीआरआई प्रोजेक्ट में शामिल होना उसकी विदेश नीति में बड़े बदलाव का संकेत है। वह जाहिर तौर पर सबसे पुराने मित्र देश भारत के ऊपर चीन को तरजीह दे रहा है। बहरहाल, चीन ने इस प्रोजेक्ट के जरिए नेपाल में विकास का वादा का है लेकिन हो सकता है कि इससे नेपाल कर्ज की कूटनीति में फंस जाए। चीन इसी तरह से छोटे देशों को कर्ज के जाल में फंसाता है और कर्ज चुकाने में नाकाम रहने पर उस देश के स्ट्रेटेजिक असेट्स पर कब्जा कर लेता है।