मुंबई। एनसीपी के संस्थापक और दिग्गज मराठा नेता शरद पवार और उनसे बगावत करने वाले उनके भतीजे अजित पवार के बीच शक्ति परीक्षण बुधवार को होगा। दोनों नेताओं ने बुधवार को एनसीपी की बैठक बुलाई है। दोनों नेताओं ने पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों, विधान परिषद के सदस्यों और अन्य नेताओं को बैठक में शामिल होने के लिए कहा है। शरद पवार ने यशवंत राव चव्हाण सेंटर में बैठक बुलाई है तो अजित पवार की बैठक एमईटी बांद्रा में होगी।
इससे पहले मंगलवार को भी एनसीपी के दोनों गुटों की बैठक हुई। अजित पवार ने एमईटी में बैठक की तो शरद पवार की बैठक यशवंत राव चव्हाण सेंटर में हुई, जहां पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले भी मौजूद रहीं। इस बीच मंगलवार को अजित पवार ने मुंबई में मंत्रालय के सामने अपने नए पार्टी दफ्तर का ऐलान किया। हालांकि दफ्तर के उद्घाटन पर हंगामा भी देखने को मिला। अजित पवार के समर्थकों ने आरोप लगाया कि पीडब्लुडी विभाग ने उन्हें दफ्तर की चाबी नहीं सौंपी। इसलिए ताला तोड़ा गया। बाद में अजित वहां पहुंचे और पार्टी दफ्तर का उद्घाटन किया।
अजित पवार के नए दफ्तर में शरद पवार की तस्वीर लगाई गई, जिस पर शरद पवार ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा- जिन लोगों ने मेरी विचारधारा को धोखा दिया, उन्हें मेरी तस्वीर का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है। गौरतलब है कि दो जून, रविवार को एनसीपी में टूट हुई थी और अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। उनके साथ एनसीपी के आठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी। उसके बाद अपने चाचा शरद पवार के साथ अजित पवार का टकराव चल रहा है।
बहरहाल, बुधवार को एनसीपी के दोनों गुटों के अलावा शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट और कांग्रेस ने भी बैठक बुलाई है। महा विकास अघाड़ी के दोनों घटक दल एनसीपी संकट के बाद आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। इस बीच प्रफुल्ल पटेल ने मंगलवार को दावा किया कि एनसीपी के 53 में 51 विधायकों ने 2022 में शरद पवार से कहा था कि महा विकास अघाड़ी सरकार गिरने के बाद बीजेपी के साथ हाथ मिलाने की संभावना तलाशी जानी चाहिए। हालांकि, शरद पवार ने ऐसा करने से रोक दिया।
इस बीच महा विकास अघाड़ी के दोनों घटक दलों ने शरद पवार का समर्थन किया है। कांग्रेस के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण सोमवार को कराड के कार्यक्रम में शरद पवार के साथ शामिल हुए। मंगलवार को शिव सेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा- शरद पवार अकेले नहीं पड़े हैं, हम उनके साथ है। वे बाला साहब ठाकरे जैसे ही हैं। राउत ने कहा- एकनाथ शिंदे के पास कभी भी बारगेनिंग पावर नहीं थी। जो गुलाम होता है उसके पास पावर नहीं रहता है।