रायपुर। नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई की है। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 27 नक्सलियों के मारे गिराया है। इनमें 16 के शव बरामद कर लिए गए हैं और बड़ी संख्या में हथियार व गोला बारूद भी बरामद किया गया है। मारे गए नक्सलियों में एक करोड़ रुपए का इनामी जयराम उर्फ चलपति भी शामिल है। चलपति एमसीसी की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। उसके अलावा कई नक्सली कमांडर भी मारे गए हैं। रविवार की रात को शुरू हुई मुठभेड़ मंगलवार को समाप्त हुई और अब पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
बताया गया है कि रविवार की रात को छत्तीसगढ़ और ओडिशा की ओर से सुरक्षा बलों ने साझा अभियान चलाया था। सोमवार को भालू डिग्गी जंगल में दिन भर रुक रुककर फायरिंग हुई जो मंगलवार को भी जारी है। करीब एक जवानों ने 60 नक्सलियों को घेर लिया था। यह पहली बार हुआ कि सुरक्षा बलों ने ड्रोन से नक्सलियों की गतिविधियों पर निगरानी रखी और उनकी लोकेशन का पता लेकर उन पर कार्रवाई की। मुठभेड़ के बीच बैकअप फोर्स भी भेजी गई थी।
बताया जा रहा है कि, पहले सुरक्षा बलों का घेरा 15 से 20 किलोमीटर का था लेकिन अब यह दायरा तीन किलोमीटर का रह गया है। तभी यह भी कहा जा रहा है कि सभी 60 नक्सली मारे गए हो सकते हैं। नक्सलियों से मुठभेड़ में एक जवान भी घायल हुआ हैं, जिसे एयरलिफ्ट करके रायपुर भेजा गया। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी एसओजी के जवान के पैर में गोली लगी है। सुरक्षा बलों के इस अभियान में झारखंड और ओडिशा की पुलिस के साथ साथ अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ के जवान भी शामिल थे। दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी इस अभियान की निगरानी कर रहे थे।
नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में सुरक्षा बलों की कामयाबी पर केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि, ‘देश में नक्सलवाद अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है’। पिछले दिनों वे नक्सल प्रभावित बस्तर के दौरे पर गए थे तो उन्होंने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म कर देने का ऐलान किया था। बहरहाल, बताया गया है कि नक्सलियों की तलाशी के लिए छत्तीसगढ़ और ओडिशा की ओर से साझा अभियान चलाया गया था। इसमें 10 टीमें एक साथ निकली थीं। तीन टीम ओडिशा से, दो टीम छत्तीसगढ़ से और पांच टीम सीआरपीएफ की थी।
तलाशी के दौरान गरियाबंद के इलाके में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया। मुठभेड़ की सूचना मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी वहां पहुंच गए। तुरंत ही इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए। घने जंगलों में नक्सलियों की लोकेशन के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। बताया जा रहा है कि अब तक गरियाबंद के इलाके में डिविजनल कमेटी मेंबर या एरिया कमेटी मेंबर ही मूवमेंट करते थे। पहली बार इस इलाके में सेंट्रल कमेटी के किसी मेंबर की मौजूदगी की जानकारी मिली है। जयराम रेड्डी उर्फ रामाचंद्रा रेड्डी उर्फ अप्पाराव उर्फ रामू उर्फ चलपति सेंट्रल कमेटी का सदस्य है। वह आंध्र प्रदेश के चित्तूर के माटेमपल्ली का रहने वाला था। चलपति बस्तर के अबूझमाड़ इलाके में भी सक्रिय था।